Edited By Sunita sarangal,Updated: 11 Aug, 2020 09:13 AM
कर्मचारियों की हड़ताल को उस समय और बल मिला, जब कल ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों सहित......
जालंधर(चोपड़ा): सरकारी कर्मचारियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से जारी हड़ताल का प्रभाव सरकारी विभागों के कामकाज पर दिखाई देने लगा है। प्रशासकीय काम्पलैक्स में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर से लेकर सब रजिस्ट्रार, तहसीलदार, आर.टी.ए. विभाग का कामकाज हड़ताल के कारण बुरी तरह प्रभावित होने लगा है।
कर्मचारियों की हड़ताल को उस समय और बल मिला, जब कल ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों सहित आर.टी.ए. में प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों ने भी अपने कामकाज को बंद करने का फैसला लिया, जिस कारण जहां सैंटर बंद रहने पर दूर दुर से लायसेंस बनवाने आए लोगों को भारी निराशा का सामना करना पड़ा, वहीं एप्वाइंटमेंट होने के बावजूद उन्हें वापस लौटना पड़ा। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह और अन्य अधिकारियों ने आर.टी.ए. में जाकर वहां प्राइवेट कर्मचारियों के काम को बंद करवा दिया, जिस कारण चालान खिड़कियों पर भी चालान भुगतने का काम बंद हो गया। जिक्रयोग्य है कि आर.टी.ए. से संबंधित सभी कर्मचारियों ने हड़ताल के पहले दिन से ही काम बंद कर रखा है।
चालान 15 अगस्त के बाद भुगते जाएंगे, लगाया नोटिस
आर.टी.ए. में अब ट्रैफिक चालान भुगतने का काम 15 अगस्त के बाद शुरू किया जाएगा, जिस बारे दफ्तर में नोटिस लगा दिया गया है परन्तु इसके बावजूद चालान भुगतने का काम 17 अगस्त को ही शुरू होने की संभावना है क्योंकि कर्मचारियों की हड़ताल 14 अगस्त तक जारी रहेगी और 15 अगस्त को आजादी दिवस होने के कारण छुट्टी होगी और 16 अगस्त को रविवार है।
हड़ताल पूरी तरह सफल, सरकारी दफ्तरों में काम मुकम्मल ठप्प: सुखजीत सिंह
पंजाब सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से जिले के सभी सरकारी विभागों में से की गई कलमछोड़ हड़ताल को पूरी तरह सफल करार देते हुए कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह ने कहा कि हड़ताल के कारण सभी कर्मचारियों की ओर से सरकारी कामकाज बिल्कुल ठप्प रखा गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पहले की तरह अपना काम करने के लिए तैयार हैं जिससे आम जनता को किसी किस्म की परेशानी न हो परन्तु सरकार का व्यवहार अपने कर्मचारियों के प्रति बहुत बुरा है, जिस कारण उनके पास हड़ताल के इलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा।