पुलिस शहीदी दिवस 21 अक्तूबर: पुलिस के अमर शहीदों की याद में मनाया जाता है स्मृति दिवस

Edited By Tania pathak,Updated: 21 Oct, 2020 09:16 AM

memorial day is celebrated in the memory of the immortal martyrs

हमारे पुलिसकर्मियों का बेमिशाल शौर्य और बलिदान का लंबा इतिहास है। उन्होंने चीन के साथ हमारी सीमा की रक्षा करते हुए जो बलिदान दिया था, उसकी याद में हर साल 21 अक्तूबर को...

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): हमारे पुलिसकर्मियों का बेमिशाल शौर्य और बलिदान का लंबा इतिहास है। उन्होंने चीन के साथ हमारी सीमा की रक्षा करते हुए जो बलिदान दिया था, उसकी याद में हर साल 21 अक्तूबर को जिला मुख्यालय में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। साल 1959 में चीन से लगी हमारी सीमा की रक्षा करते हुए 21 अक्तूबर को भारत-चीन सीमा पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में तैनात 10 पुलिसकर्मियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन पुलिसकर्मियों के बलिदान के सम्मान में हर साल 21 अक्तूबर को नैशनल पुलिस डे या पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। 

भारत-तिब्बत सीमा की रक्षा में थी पुलिस बल की तैनाती
गौरतलब है कि पहले तिब्बत के साथ भारत की 2,500 मील लंबी सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी भारत के सी.आर.पी.एफ.पुलिसकर्मियों की थी। 20 अक्तूबर 1959 को तीसरी बटालियन की एक कंपनी को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स नाम के स्थान पर तैनात किया गया था। कंपनी को 3 टुकडिय़ों में बांटकर सीमा की सुरक्षा, निगरानी और चौकसी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सीमा की गश्त के लिए आगे तक गई 2 टुकड़ी के सदस्य उस दिन दोपहर बाद तक लौट आए लेकिन तीसरी टुकड़ी के सदस्य नहीं लौटे। उस टुकड़ी में 2 पुलिस कॉन्स्टेबल और एक पोर्टर शामिल थे।

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चीनी सैनिकों ने घेरकर किया था हमला
गुमशुदा पुलिसकर्मियों की तलाश में डी.सी.आई.ओ. करम सिंह के नतृत्व में वह टुकड़ी 21 अक्तूबर को रवाना हुई। उस टुकड़ी में करीब 20 पुलिसकर्मी शामिल थे। कर्म सिंह घोड़े पर सवार थे जबकि बाकी पुलिसकर्मी पैदल थे। पैदल सैनिकों को 3 टुकडिय़ों में बांट दिया गया था। दोपहर के समय चीन के सैनिकों ने एक पहाड़ी से गोलियां चलाना और ग्रेनेड्स फेंकना शुरू कर दिया। चूंकि पुलिसकर्मी खुद की सुरक्षा का कोई उपाय नहीं करके गए थे, इसलिए ज्यादातर सैनिक घायल हो गए। उस हमले में हमारे 10 वीर पुलिसकर्मी शहीद हो गए जबकि 7 अन्य घायल हुए। 7 घायल पुलिसकर्मियों को चीनी सैनिक बंदी बनाकर ले गए जबकि बाकी अन्य पुलिसकर्मी वहां से निकलने में कामयाब रहे। 13 नवम्बर 1959 को शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों का शव चीनी सैनिकों ने लौटाया। उन पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ हुआ था।

हर साल 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाने का लिया फैसला
जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का वार्षिक सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में लद्दाख में शहीद हुए उन वीर पुलिसकर्मियों और साल के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया। साल 1960 में इस दिन को आधिकारिक दर्जा देते हुए इसे देश भर में हर साल 21 अक्तूबर को नैशनल पुलिस डे के तौर पर मनाए जाने लगा। इन पुलिसकर्मियों की शहादत को याद करते हुए जिला मुख्यालय में इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

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