नरमे/कपास की फसल से खिले किसानों के चेहरे

Edited By Vatika,Updated: 23 Sep, 2019 02:04 PM

faces of farmers blossomed due to soft  cotton crop

इस बार मालवा क्षेत्र में नरमे/कपास की फसल ‘सफेद सोना’ बंपर होने सदका किसानों के चेहरे खिले-खिले दिखाई दे रहे हैं। यदि इस बार नरमे/कपास की फसल का भाव तेज हुआ तो किसानों के वारे-न्यारे हो जाएंगे।

मानसा(संदीप मित्तल): इस बार मालवा क्षेत्र में नरमे/कपास की फसल ‘सफेद सोना’ बंपर होने सदका किसानों के चेहरे खिले-खिले दिखाई दे रहे हैं। यदि इस बार नरमे/कपास की फसल का भाव तेज हुआ तो किसानों के वारे-न्यारे हो जाएंगे। मालवा क्षेत्र जो शुरू से ही ‘नरमा /कपास पट्टी’ के तौर पर इसलिए जाना जाता है, में रेतीले टिब्बे ज्यादा होने के कारण यहां और कोई फसल नहीं होती थी परन्तु जमीनी सुधार होने पर अब रिवायती फसलों गेहूं -धान की भी खेती होने लग पड़ी है। इस बार मालवा पट्टी में 4 लाख हैक्टेयर के करीब नरमे /कपास की फसल बीजी गई । इस बार प्रति एकड़ 15 से 17 मन नरमे/कपास की फसल होने का अनुमान है। कुछ किसान नरमे/कपास की फसल बेचने के लिए मंडियों में भी लाने लगे हैं। बिजली -नहरी पानी की कमीं होने के बावजूद नरमे/कपास की फसल अच्छी बन कर सामने आई है। यही कहा जा सकता है कि इस बार किसानों पर कुदरत मेहरबान हो गई है।

 

फसलों के फायदेमंद भाव के लिए करना पड़ेगा इंतजार
बेशक माझा व दोआबा में बाढ़ की मार पड़ी है परन्तु मालवा पट्टी में सूखे जैसे हलात रहे हैं। इस बार किसानों ने धान की फसल के साथ कपास-नरमे की फसलें भी बीजी हैं। इन फसलों के लिए पानी की कम जरूरत होती है। इस बार इन फसलों पर सफेद मक्खी के हमले से बचाव रहा। इस क्षेत्र में कुदरती आफतों से भी बचाव रहा है परन्तु अब किसानों को नरमा /कपास की फसल को चुगने के बाद फायदेमंद भाव का इन्तजार करना पड़ सकता है, क्योंकि नरमे-कपास की फसल के भाव में हर दिन उतराव-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। यदि व्यापारियों ने सीधे तौर पर खरीदारी की तो किसान मालो-माल हो जाएंगे। फिलहाल ! किसान नरमे-कपास की फसल को चुगने की में लगे हैं।

नरमे/कपास की फसल यौवन पर, प्रवासी मजदूरों की कमी
किसानों की नरमे/कपास की फसल यौवन पर होने के कारण सफैद सोना खिल कर बाहर आने लगा है। किसान अलग -अलग शहरों के रेलवे स्टेशनों पर नरमे / कपास की फसल चुगने के लिए प्रवासी मजदूरों को तलाशने लगे हैं। इस समय बठिंडा, मौड़, मानसा, बुढलाडा, जाखल रेलवे स्टेशनों पर किसानों की विवाह जैसी रोणकें देखने को मिल रही हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों की काफी कमी खटक रही है। बताने योग है कि नरमे/-कपास की फसल चुगने के लिए 600 रुपए प्रति क्विंटल रेट चल रहा है।

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