कब्जों के कारण अधिकतर गलियों में से नहीं गुजर सकती फायर ब्रिगेड की गाडियां

Edited By swetha,Updated: 11 Dec, 2019 09:36 AM

fire brigade vehicles cannot pass through most streets

कर्मचारियों की कमी से भी जूझ रहा है फायर ब्रिगेड विभाग

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल) : दिल्ली में हुए अग्रिकांड में 43 व्यक्तियों की हुई मौत के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। शहर में बहुत सारी ऐसी गलियां हैं जहां से दोपहिया वाहन ही बड़ी मुश्किल से निकलते हैं चार पहिया वाहन तो वहां से निकल भी नहीं सकते। यदि कहीं ऐसी गलियों में कोई अनहोनी घटना घटती है तो फायर ब्रिगेड का यहां पहुंचना ही नामुमकिन होगा क्योंकि इन गलियों के दुकानदारों ने बाहर इतने अवैध कब्जे किए हुए हैं कि दोपहिया वाहन की मुश्किल से इन गलियों में से गुजरते हैं।

फायर ब्रिगेड बरनाला के पास आग बुझाने वाली तीन गाडिय़ां हैं व एक मोटरसाइकिल भी है। आग बुझाने वाली गाडियां खुले बाजारों में तो जाकर आग बुझा सकती हैं परंतु तंग बाजारों व गलियों में आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड विभाग के पास कोई गाड़ी नहीं है। जिस कारण शहर में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कई तंग बाजारों व गलियों में प्लास्टिक के सामान वाली दुकानें भी हैं। विशेष करके सदर बाजार, हंडियाया बाजार व फरवाही बाजार के आस-पास की गलियों में यह खतरा बना रहता है। कुछ समय पहले गुरुद्वारा वाली गली में एक पटाखों के गोदाम में आग लग गई थी। उस समय भी बड़ी मुश्किल से आग बुझाई थी व गवर्नमैंट स्कूल के सामने एक प्लास्टिक के सामान वाले गोदाम में आग लग गई थी।तब भी बड़ी मशक्कत से कई घंटों के बाद आग पर काबू पाया गया था। दिल्ली की घटना के बाद शहर वासियों में खौफ पैदा हो गया है कि यदि तंग गलियों व बाजारों में आग लग जाए तो बड़ा नुक्सान हो सकता है।

कर्मचारियों की कमी से भी जूझ रहा है फायर ब्रिगेड विभाग
फायर ब्रिगेड विभाग छोटी गाड़ी की कमी से तो जूझ ही रहा है इसके साथ कर्मचारियों की भी उसके पास भारी कमी है। इस समय 17 के करीब ही कर्मचारी विभाग के पास हैं। जबकि जरूरत 60 के करीब पोस्टों की है। जिस कारण कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ रहता है। कर्मचारियों की कमी कारण आग लगने की हालत में इस पर काबू पाने में अधिक समय लगने की आशंका रहती है जिस कारण जान-माल का नुक्सान होने का खतरा बढ़ जाता है।

तंग गलियों के दुकानदारों को फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा एन.ओ.सी. लेनी बनाई जाए यकीनी

कमल गुप्ता बब्बू ने कहा कि वैसे तो हर दुकानदार को फायर ब्रिगेड विभाग की एन.ओ.सी. लेनी जरूरी है, परंतु तंग गलियों के दुकानदारों के लिए फायर ब्रिगेड की एन.ओ.सी. लेनी यकीनी 
बनाई जाए। यदि दुकानदारों के पास आग बुझाने के यंत्र होंगे तो वे फौरी तौर पर आग पर काबू भी पा सकते हैं व कोई बड़ी दुर्घटना होने से बचाव हो सकता है।

गलियों में लगा रहता है जाम, ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए भी करने चाहिएं उचित प्रबंध
बेअंत सिंह बाठ ने कहा कि तंग गलियों में बाजारों से अधिक भीड़ होती है। बड़ी संख्या में वाहन दुकानों के बाहर खड़े रहते हैं। इतना ही नहीं कई दुकानदार इन तंग गलियों में अपना सामान कई फुट तक बाहर निकाल लेते हैं। जिस कारण पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। ट्रैफिक को सही रूप से चलाने के लिए इन गलियों में भी प्रशासन को कोई उचित प्रबंध करना चाहिए ताकि कोई दुर्घटना होने की हालत में फौरी तौर पर सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।

सरकार को फायर ब्रिगेड विभाग को उपलब्ध करवानी चाहिए छोटी गाड़ी
दर्शन सिंह नैणेवाल ने कहा कि शहर की आबादी डेढ़ लाख के करीब है। बाजारों के आसपास की गलियों में बहुत भीड़ रहती है। जगह तंग होने के कारण यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है।
फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी तो इन गलियों में जा नहीं सकती। इसलिए आग बुझाने के लिए छोटी गाड़ी पंजाब सरकार फायर ब्रिगेड को उपलब्ध करवाए ताकि शहर वासी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।

दुकानदारों को अपने तौर पर भी आग बुझाने के साधन रखने चाहिएं : फायर ब्रिगेड अफसर

जब इस संबंधी फायर ब्रिगेड अफसर गुरजीत सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि शहर की आबादी के हिसाब से विभाग को 2 छोटी गाडिय़ों की जरूरत है। इन छोटी गाडिय़ों में 500 लीटर तक पानी आ जाता है जो काफी होता है। बाकी दुकानदारों को अपने तौर पर भी आग बुझाने के साधन रखने चाहिएं ताकि कोई बड़ी दुर्घटना होने से बचाव हो सके।

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