Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 02:28 AM
पंजाब के जालंधर की एक विवाहिता को अपनी घरेलू दिक्कतों के निदान के लिए माता चिंतपूर्णी मंदिर भारी पड़ गया। दुखों का निवारण करवाने मंदिर पहुंची इस महिला का न केवल घर टूट गया बल्कि मंदिर के पुजारी पंडित विक्रांत कालिया ने उससे शादी के नाम पर रेप भी...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब के जालंधर की एक विवाहिता को अपनी घरेलू दिक्कतों के निदान के लिए माता चिंतपूर्णी मंदिर भारी पड़ गया। दुखों का निवारण करवाने मंदिर पहुंची इस महिला का न केवल घर टूट गया बल्कि मंदिर के पुजारी पंडित विक्रांत कालिया ने उससे शादी के नाम पर रेप भी किया।
पुजारी द्वारा उसका शोषण करने, धमकाने व पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने के चलते महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली है। जालंधर की 29 वर्षीय महिला ने पंजाब सरकार, डी.जी.पी. व अन्य पुलिस अधिकारियों को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। याची ने मांग की है कि उसकी अक्तूबर व नवम्बर, 2017 में दी गई शिकायतों पर कार्रवाई की जाए। उनमें हत्या के प्रयास, रेप, धोखाधड़ी व धमकाने का केस बनता है मगर राजनीतिक दबाव व आरोपियों के प्रभाव में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।
वहीं पीड़िता की सुरक्षा की मांग पर सरकारी वकील ने कहा कि वह आवश्यक निर्देश प्राप्त कर लेंगे और यदि सुरक्षा आवश्यक हुई तो वह प्रदान की जाएगी। याची की ओर से केस की पैरवी करते हुए एडवोकेट के.एस. डडवाल ने कहा कि पुलिस मामले में ललिता कुमारी बनाम यू.पी. सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक बैंच द्वारा तय नियमों का भी पालन नहीं कर रही है। पीड़िता ने अपने व अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। केस की अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2018 को होगी।