Edited By Vatika,Updated: 13 Dec, 2025 05:30 PM

कुछ मरीजों में, विशेषकर डायबिटीज वाले मरीजों में, हार्ट अटैक का लक्षण केवल सांस फूलना...
जालंधर (धवन): सर्दियों के आगमन के साथ ही देश भर में हृदय रोगों के मामलों में बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट दिल की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और इस वजह से बुजुर्गों को अतिरिक्त सतर्कता रखनी होगी।
क्यों बढ़ते हैं हृदय रोग सर्दियों में?
रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना : तापमान कम होने के कारण शरीर गर्मी बचाने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, जिससे ब्लड प्रैशर बढ़ जाता है।
ब्लड का गाढ़ा होना : सर्दियों में खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे खून का बहाव धीमा पड़ता है और क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।
शारीरिक गतिविधि में कमी : ठंड के कारण लोग सुबह-शाम की सैर या व्यायाम कम कर देते हैं, जिससे हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
संक्रमण का बढ़ा खतरा : सर्दियों में वायरल और फ्लू जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं, जो पहले से हृदय रोगियों की स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।
बुजुर्गों के लिए विशेष सावधानी क्यों जरूरी?
विशेषज्ञों के अनुसार बुजुर्गों की प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है और उम्र बढ़ने के साथ दिल की कार्यक्षमता भी घटती जाती है। ठंड में शरीर पर अचानक बढ़ने वाला दबाव बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। हाई ब्लड प्रैशर, डायबिटीज, कोलैस्ट्रॉल, मोटापा या पहले से हुए हार्ट अटैक वाले लोगों को जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
कैसे रखें अपना हार्ट सुरक्षित?
गर्म कपड़े पहनें और सिर, कान व पैर को ठंड से बचाकर रखें। नियमित ब्लड प्रैशर और शुगर मॉनिटरिंग करें। हल्की एक्सरसाइज, योग और स्ट्रेचिंग रोजाना करें। धूम्रपान से पूरी तरह बचें, क्योंकि ठंड और स्मोकिंग का मिलाजुला असर दिल की बीमारी को और बढ़ाता है। संतुलित और गरम भोजन लें जिसमें सब्जियां, सूप, सूखे मेवे और फाइबर युक्त आहार। जल का सेवन ज्यादा करें, क्योकि ठंड में लोग पानी कम पीते हैं जिससे ब्लड गाढ़ा होने का खतरा रहता है। दवाइयां समय पर लें और डाक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा को न छोड़ें।
हार्ट के लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक
टैगोर अस्पताल के चेयरमैन डा. विजय महाजन ने कहा कि हृदय रोग से संबंधित लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। जिनमें सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में दिक्कत, अचानक पसीना आना, चक्कर आना या बेहोशी, हाथों, कंधे या जबड़े में दर्द आदि होने पर तुरंत विशेषज्ञ डाक्टरों से सम्पर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊपरी पेट में दर्द, साथ में मितली और उल्टी लोग अक्सर इसे अपच समझ लेते हैं, जबकि वास्तव में यह हार्ट अटैक हो सकता है। गर्दन में दर्द, जो एक या दोनों बाजुओं तक फैल सकता है, इसे लोग आमतौर पर सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस समझ लेते हैं। कुछ मरीजों में, विशेषकर डायबिटीज वाले मरीजों में, हार्ट अटैक का लक्षण केवल सांस फूलना (सांस लेने में तकलीफ) भी हो सकता है।