लाखों रुपए का गेहूं घोटाला, इस प्रयास में एजैंसियों के छोटे-बड़े अधिकारी

Edited By Urmila,Updated: 13 Feb, 2023 04:29 PM

wheat scam case of lakhs of rupees

फिरोजपुर भारत-पाक बॉर्डर के साथ लगते गांव मधरे में पनग्रेन एजैंसी द्वारा बड़े स्तर पर गेहूं की बोरियां लगाई गई थीं।

फिरोजपुर: फिरोजपुर भारत-पाक बॉर्डर के साथ लगते गांव मधरे में पनग्रेन एजैंसी द्वारा बड़े स्तर पर गेहूं की बोरियां लगाई गई थीं। इनमें से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कथित मिलीभगत करके हजारों बोरियां निकालकर आगे बेच दी गई थी और ड्यूटी पर तैनात कच्चे सिक्योरिटी गार्डों द्वारा लाखों रुपए के गेहूं का यह कथित घपला उजागर करते हुए वीडियो बनाई गई थी। इसमें एजेंसियों के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मौका पाकर गोदाम में से लाखों रुपए के मूल्य की गेहूं की बोरियां निकाल उसकी जगह पर लगे स्टेकों में लकड़ी के क्रेट मिले थे। उस समय जांच के बाद हजारों बोरिया गायब पाई गई थी और आरोप था कि इस गोदाम में तैनात कुछ अधिकारी और कर्मचारी ट्रैकों में से एजैंसियों का गेहूं निकालकर बेच देते थे और जहां से धान की यह बोरियां निकाली गई थीं वहां पर लकड़ी के क्रेट भरकर उसके इर्द-गिर्द भी बोरियां लगा देते थे।

जुलाई-2022 महीने में कच्चे सिक्योरिटी गार्डों ने इस कथित घोटाले को लेकर आवाज उठाई और जब किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी तो इनकी मदद में किसान यूनियन आई और जब गोदाम में लगी इस गेहूं की बोरियों की फिजीकल वैरीफिकेशन की गई तो लाखों रुपए के मूल्य की गेहूं की बोरियां गायब पाई गईं, जिसे लेकर थाना सिटी फिरोजपुर और थाना सदर फिरोजपुर की पुलिस द्वारा एजैंसियों के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गेहूं के इस घोटाले में उस समय के एजैंसी के कुछ बड़े अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगे और उन अधिकारियों ने इस मुकद्दमे को रफा-दफा करवाने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में यह दर्ज करवा दिया है कि गेहूं की ये बोरियां लोगों को बांटने के लिए एजैंसी द्वारा डिपो होल्डर को दे दी गई हैं और जब डिपो होल्डर को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि उन्हें एजैंसियों द्वारा उस समय गेहूं की बोरियां नहीं दी गई थीं।

आज भी पनग्रेन एजैंसी के उस समय के कुछ छोटे-बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का यह प्रयास है कि सरकारी रिकॉर्ड में झूठी सच्ची बातें लिखकर पुलिस और विजिलैंस को गुमराह किया जाए और ये मुकदमे रद्द करवा लिए जाएं। करीब 7 महीने का समय हो चुका है इन मामलों में एक अधिकारी द्वारा माननीय अदालत से इंटेरिम बेल ली गई है जबकि बाकी के नामजद किए गए अधिकारी और कर्मचारी आज तक पकड़े नहीं गए।

मुख्यमंत्री भगवंत मान और डी.जी.पी. विजिलैंस पंजाब को भेजे गए एक लिखित पत्र में यह शंका व्यक्त की गई है कि इस मामले को रफा-दफा करने में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बहुत जोर लगाया जा रहा है मगर पुलिस अधिकारी इन मुकद्दमों को रद्द करने में सहमति प्रकट नहीं कर रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री और विजिलेंस विभाग से यह मांग की है कि जो अधिकारी कागजों में गलत बयानी करके सरकार को गुमराह कर रहे हैं और इन मुकद्दमों को रद्द करवाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं, की भूमिका पर भी कड़ी नजर रखी जाए और चंडीगढ़ से अधिकारियों की एक विशेष टीम भेजी जाए और इस गेहूं घोटाले में शामिल लोगों पर केस दर्ज किया जाए और ऐसे सभी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस द्वारा कार्रवाई तेज की जाए।

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