नाड़ को लगी आग ने लिया भीषण रूप, हुआ भारी नुक्सान

Edited By Radhika Salwan,Updated: 23 May, 2024 06:37 PM

the fire that broke out in naad took a terrible form caused huge loss

इससे जहां पर्यावरण पर काफी बुरा असर पड़ रहा है, वहीं पर्यावरण प्रेमी भी काफी चिंतित हैं।

चोगावां- गेहूं के अवशेषों को खत्म करने के लिए किसानों द्वारा लगाई गई आग से सड़कों के आसपास और खेतों में खड़े पेड़ बुरी तरह जल गए हैं। कई पेड़ इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि वे दोबारा हरे-भरे होने की स्थिति में भी नहीं हैं। इससे जहां पर्यावरण पर काफी बुरा असर पड़ रहा है, वहीं पर्यावरण प्रेमी भी काफी चिंतित हैं।

इस संबंध में पर्यावरण प्रेमी करणराज सिंह, फतेह सिंह ने बताया कि नार्ड में आग लगने से जहां पेड़ों को नुकसान होता है, वहीं सड़क से गुजरने वाले राहगीर भी दुर्घटना के शिकार होते हैं और गर्मी के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है। इसी वजह से आजकल गर्मी भी बहुत पड़ रही है।

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अगर वे गेहूं के कचरे में आग लगाए बिना नहीं रह सकते तो कम से कम सड़कों और पेड़ों के पास की जमीन की जुताई कर देनी चाहिए ताकि पेड़ों को सड़ने से बचाया जा सके।
 

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