Edited By Tania pathak,Updated: 19 Dec, 2020 02:19 PM
बलदीप कौर के पिता और दादा दिल्ली संघर्ष मोर्चो का हिस्सा बने हुए हैं, जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी बलदीप कौर ने अपने कंधों ऊपर उठा रखी है।
बठिंडा (कुनाल बांसल): जहां पिता ने दिल्ली किसान आंदोलन में मोर्चा संभाला हुआ है, वही उसकी 17 वर्षीय बेटी बलदीप कौर ने खेती करने के साथ-साथ पूरे घर की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है। बलदीप कौर बठिंडा के गांव मेहमा भगवानां की रहने वाली है। बलदीप कौर तीन बहनों में से सबसे छोटी बहन है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, जिसके चलते बलदीप कौर घर के सभी कामों के साथ-साथ पशुओं को संभालने और खेती भी बखूबी कर लेती है।
बलदीप कौर के पिता और दादा दिल्ली संघर्ष मोर्चो का हिस्सा बने हुए हैं, जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी बलदीप कौर ने अपने कंधों ऊपर उठा रखी है। बलदीप कौर ने कहा कि जो मोदी सरकार ने कृषि कानून बनाऐ हैं। किसान उसका पिछले लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार को भी सोच विचार कर खेती कानून रद्द कर देने चाहिए। बेटी की सुरक्षा को लेकर बलदीप कौर की मां हरजीत कौर भी अपनी बेटी के साथ खेतों में जाती है जिससे वह अपनी बेटी की देखभाल के साथ-साथ खेती करने में भी उसकी मदद कर सके परन्तु खेती कानून के खिलाफ रोष जताते हुए मां-बेटी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द खेती कानून रद्द किया जाए।