Edited By Kamini,Updated: 20 Nov, 2023 02:15 PM

सीमावर्ती जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत ही खराब नजर आ रही है।
फाजिल्का : सीमावर्ती जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत ही खराब नजर आ रही है। चिकित्सा अधिकारियों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं खराब चल रही हैं, यही नहीं इमरजेंसी सेवाएं और भी बदतर हैं। जिला अस्पताल में इमरजेंसी चिकित्सा अधिकारियों के 9 पद हैं, जिनमें से 8 रिक्त हैं।
इसी तरह अबोहर में 10 में से 6 पद खाली पड़े हैं। कम्यूनिटी हैलथ सैंटर में भी 32 में से 20 सीटें खाली हैं। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी खराब है, जहां रात में कोई इमरजैंसी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। जिले में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के भी 9 पद हैं, जिनमें से केवल 2 पर ही तैनाती हुई है, बाकी सीटें खाली हैं। इमरजेंसी चिकित्सा अधिकारियों की कमी के चलते कई बार मुख्य डाक्टरों को जाना पड़ता है, जिससे मरीजों को परेशानी होती हैष
अगर ग्रामीण इलाकों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो वहां भी यही स्थिति देखने को मिलती है. जलालाबाद, रामसरा, सीतो गुन्नो, खुई खेड़ा, डबवाला कलां और बहाववाला में कुल 30 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद हैं, जिनमें से 23 खाली हैं। इसके अलावा जिले में सिविल सर्जन, सहायक सिविल सर्जन, दंत स्वास्थ्य पदाधिकारी, महामारी विशेषज्ञ, जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी भी नहीं हैं।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने जलालाबाद दौरे के दौरान माना कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और नए चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए जिले को 550 करोड़ रुपए और 1,900 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इसके अलावा जल्द ही 350 डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी।
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