Edited By Subhash Kapoor,Updated: 05 Sep, 2025 05:54 PM

पंजाब में आई बाढ़ ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। कई जिलों में लोग बेघर हो गए हैं और रोटी-पानी तक के लिए तरस रहे हैं। इस विपदा का असर पंजाब के सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) स्कूलों के हजारों अध्यापकों व कर्मचारियों पर भी पड़ा है।
हरियाना (आनंद) : पंजाब में आई बाढ़ ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। कई जिलों में लोग बेघर हो गए हैं और रोटी-पानी तक के लिए तरस रहे हैं। इस विपदा का असर पंजाब के सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) स्कूलों के हजारों अध्यापकों व कर्मचारियों पर भी पड़ा है। अध्यापक वर्ग दोहरी मार झेल रहा है, एक तरफ बाढ़ की त्रासदी और दूसरी तरफ 5 महीनों से वेतन न मिलना।
जानकारी के अनुसार, एडिड स्कूलों के अध्यापक पिछले पाँच महीनों से वेतन से वंचित है, जबकि सी. एंड वी. अध्यापक पिछले 16 महीनों से वेतन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विभिन्न स्कूलों के अध्यापकों ने बताया कि इन हालात में घर का खर्च चलाना, बच्चों की फीस व दवा आदि का प्रबंध करना मुश्किल हो गया है। कई अध्यापक मजबूरी में कर्ज लेकर या दूसरों पर निर्भर होकर परिवार का गुजारा कर रहे है। समाज के भविष्य निर्माता कहे जाने वाले अध्यापक आज खुद गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे है, जो न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बल्कि अन्यायपूर्ण है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक ओर 5 सितम्बर को सरकार शिक्षक दिवस मना रही है, वहीं दूसरी ओर एडिड स्कूलों के अध्यापक पाँच महीने से वेतन के इंतजार में दयनीय स्थिति में जीवन बिता रहे है। अध्यापकों ने कहा कि वे सरकार द्वारा सौंपी गई हर जिम्मेदारी निष्ठा से निभा रहे हैं, लेकिन उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा वेतन है, जो लंबे समय से रुका हुआ है। राज्य के हजारों शिक्षकों को मार्च 2025 से तथा कुछ जिलों के शिक्षकों को जनवरी 2025 से वेतन नहीं मिला। वहीं कुछ स्कूलों की 2024 की ग्रांट भी अभी तक जारी नहीं हुई है।