Edited By Urmila,Updated: 23 Mar, 2025 04:31 PM

गर्मियों की छुट्टियों के दौरान कालका-शिमला रूट पर तीन बोगी वाली ट्रेन (सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) चलाई जाएगी, जिसका अंतिम ट्रायल पूरा हो चुका है और डिब्बे कालका पहुंच चुके हैं।
चंडीगढ़ (ललन): गर्मियों की छुट्टियों के दौरान कालका-शिमला रूट पर तीन बोगी वाली ट्रेन (सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) चलाई जाएगी, जिसका अंतिम ट्रायल पूरा हो चुका है और डिब्बे कालका पहुंच चुके हैं। ट्रेन की गति बढ़ाने के पहले दो परीक्षण विफल रहे, लेकिन दिसंबर में तीसरा परीक्षण सफल रहा। इस दौरान तीन बोगियों वाली ट्रेन 30 से अधिक की रफ्तार से चल रही थी जबकि मौजूदा गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास ही है।
कालका-शिमला के बीच नैरोगेज लाइन है, जिसकी चौड़ाई दो फुट 6 इंच है। इस रेलवे लाइन में 103 सुरंगें, 869 पुल और 919 मोड़ हैं। सबसे तीखे मोड़ पर ट्रेन 48 डिग्री पर घूमती है। ऐसी स्थिति में ट्रेन की औसत गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। अधिकारियों का कहना है कि गति बढ़ाने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं।
एक बार में 60 यात्री कर सकेंगे यात्रा
इस रेलगाड़ी में तीन डिब्बे हैं, जिनमें 60 यात्री बैठ सकते हैं। इंजन कोच के अंदर ही लगाए गए हैं। आरामदायक सीटों के अलावा, ए. सी., हीटर, एल. ई.डी. के डिस्प्ले बोर्ड की सुविधा है। रेल मोटर कार के विकल्प के रूप में संचालित होने वाले रेल सेट की तीन गाड़ियां आपस में जुड़ी हुई हैं। यात्री बिना उतरें एक बस से दूसरी बस में जा सकते हैं। इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट या ई.एम.यू. मल्टीपल यूनिट एक ऐसा वाहन है जो स्व-चालित होता है। इसके लिए अलग से किसी लोकोमोटिव की आवश्यकता नहीं है।
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