Edited By Subhash Kapoor,Updated: 17 Mar, 2025 09:59 PM

: पंजाब सरकार की तरफ से सभी जिलों के डीसी को भेजे पत्र में प्रापर्टियों पर विभिन्न अदालतों की तरफ से जारी हुए आदेशों को ना सिर्फ तीन दिन के भीतर ऑनलाइन करने बल्कि तुरंत जमाबंदी में दर्ज करने के आदेश दिए गए है !
लुधियाना ( पंकज ) : पंजाब सरकार की तरफ से सभी जिलों के डीसी को भेजे पत्र में प्रापर्टियों पर विभिन्न अदालतों की तरफ से जारी हुए आदेशों को ना सिर्फ तीन दिन के भीतर ऑनलाइन करने बल्कि तुरंत जमाबंदी में दर्ज करने के आदेश दिए गए है !
सरकार के माल वा पुनर्वास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से भेजे इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जब भी कोई एक पक्ष जमीन संबंधी अदालती आर्डर या स्टे लेकर आता है तो वो इसकी कॉपी संबंधी सबरजिस्ट्रार, रजिस्ट्री क्लर्क या संबंधित पटवारी को देता है, जिसे माल रिकॉर्ड के सबसे अहम दस्तावेज जमाबंदी में तुरंत दर्ज करना होता है। इसलिए मौजूद समय में सबरजिस्ट्रार, आरसी या पटवारियों के पास जितने भी अदालती आर्डर या स्टे हैं, उन्हें तीन दिन के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर चढ़ाया जाएं, ताकि वो संबंधित पटवारी के लॉगिन में पहुँच जाए। जिसके बाद इस बात के निश्चित बनाया जाए कि संबंधित पटवारी तुरंत इन ऑर्डर को जमाबंदी में दर्ज करे। इस प्रक्रिया को 24 मार्च तक हर हाल में मुकम्मल किया जाना अनिवार्य है, जिस संबंधी बकायदा सभी सर्कल रेवन्यू ऑफिसर से प्रमाणपत्र हासिल किया जाए कि अब कोई भी आर्डर या स्टे बिना जमाबंदी में दर्ज नहीं है !
सरकार द्वारा जारी पत्र से साफ है कि तहसीलों से लेकर पटवारखानों तक लोगों की कीमती जमीनों पर अदालतों द्वारा दिए जाने वाले स्टे आर्डर को ना सिर्फ कई कई माह तक या तो चढ़ाया ही नहीं जाता था या फिर उनसे इसके बदले रिश्वत की मांग की जाती थी। कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं कि अदालती स्टे होने के बावजूद याचिकाकर्ता की जमीन को आगे या तो बेच दिया गया था या फिर ट्रांसफर किया जा चुका था। रेवन्यू विभाग में जड़ पकड़ चुके भ्र्ष्टाचार को उखाड़ फेंकने के लिए सरकार द्वारा उठाये इस कदम के न सिर्फ दूरगामी परिणाम निकलने तय हैं, बल्कि इससे जमीनों संबंधी चल रहे झगड़ो पर भी नकेल लगेगी।
, सरकार की तरफ से साफ किया गया है की भविष्य में जो भी अदालती स्टे या आर्डर रजिस्ट्री क्लर्क के पास आएंगे वो उन्हें चार घंटे के भीतर जहा ऑनलाइन पोर्टल पर डालेगा। वहीं संबंधित पटवारी उसका जमाबंदी में चार घंटे के भीतर करने के लिए प्रतिबद्ध होगा और अगर अदालती आर्डर या स्टे लेने के बाद भी उन्हें चार घंटे के भीतर ऑनलाइन और जमाबंदी में दर्ज नहीं किया जाता और इस लापरवाही के चलते संबंधित प्रापर्टी की आगे रजिस्ट्री हो जाती है तो उसके लिए सीधे तोर पर संबंधित सबरजिस्ट्रार , जॉइंट रजिस्ट्रार, रजिस्ट्री क्लर्क और एरिया पटवारी जिम्मेवार होंगे !