पंजाब में पंचायती चुनावों को लेकर सख्त आदेश, उम्मदीवारों को जारी हुआ बड़ा फरमान

Edited By Urmila,Updated: 27 Sep, 2024 02:11 PM

strict orders regarding panchayat elections in punjab

पंजाब में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अहम जानकारी सामने आई है जिसके अनुसार 'डिफॉल्टर' व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि जो उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं।

चंडीगढ़: पंजाब में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अहम जानकारी सामने आई है जिसके अनुसार 'डिफॉल्टर' व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि जो उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें 'कोई बकाया नहीं' का प्रमाण पत्र पेश करना होगा। पंजाब राज्य चुनाव आयोग ने डिप्टी कमिश्नरों को एक पत्र जारी किया है, जिसमें पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों से 'कोई एतराज नहीं' प्रमाणपत्र लेने को कहा गया है। पंचायत चुनाव के लिए, जब उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हैं, तो उन्हें संबंधित पंचायत से 'कोई एतराज नहीं' या 'कोई बकाया नहीं' प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। सरपंच एवं पंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पंचायत का किसी भी तरह का कोई बकाया नहीं होना चाहिए।

जिन उम्मीदवारों पर किसी भी तरह का बकाया होगा उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। जो पूर्व सरपंच इस बार चुनाव मैदान में खड़े होंगे, उनके लिए यह बताना भी अनिवार्य होगा कि उन्होंने पंचायत रिकॉर्ड संबंधित अथॉरिटी के पास जमा करवा दी है या नहीं।  जिन लोगों ने पंचायत जमीनों पर अनाधिकृत कब्जा किया है वह पंचायती चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।  पंजाब सरकार ने फिलहाल पंचायतों की जगह प्रबंधकों को तैनात कर दिया है जिन की ओर से 'कोई बकाया नहीं'  सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे।

दूसरी ओर, राज्य चुनाव आयोग ने पंजाब राज्य चुनाव आयोग अधिनियम, 1994 का हवाला देते हुए एक वैकल्पिक रास्ता भी अपनाया है, जिसके बारे में डिप्टी कमिश्नरों को जानकारी भेज दी गई है। चुनाव आयोग का कहना है कि जिन उम्मीदवारों के पास 'कोई एतराज नहीं सर्टीफइकेट नहीं वे इसके बदले हलफनामा दायर कर सकते हैं। हल्फिया बयान में वं पंचायती संस्थाओं का कोई बकाया न होने पर पंचायती जमीन पर कोई नाजयज कब्जा न किए बारे बयान करेंगे। जब रिटर्निंग अफसर के पास यह हल्फिया बयान पहुंचेगा तो वह संबंधित अथारिटी से इस बारे सत्यापन कराएंगे।

बतानेयोग्य है कि पिछले समय दौरान अधिकारियों की हुई बैठकों में बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने भी 'नो बैलेंस' का मुद्दा उठाया था। बिजली विभाग के अधिकारियों की मांग थी कि पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए पावरकॉम से 'नो ड्यूज' सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने यह भी सलाह दी कि जो लोग बिजली चोरी करते पकड़े गए हैं, उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं देना चाहिए।

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