Edited By Kalash,Updated: 15 Jan, 2025 06:24 PM
इस प्रयोजन के लिए, वन विभाग उसी प्रक्रिया का पालन करेगा जो पंजाब भूमि सुरक्षा अधिनियम, 1900 की धारा 4 और 5 के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों के लिए परमिट देने के लिए अपनाई गई है।
नवांशहर (त्रिपाठी): जिला मैजिस्ट्रेट राजेश धीमान ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए जिले की सीमा में डीलिसट एरिया में हरे आम, नीम, पीपल और बरगद के बहुत महत्वपूर्ण पेड़ों को काटने पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया है।
जिला मैजिस्ट्रेट ने जारी आदेश में बताया कि यदि विशेष परिस्थितियों में उपरोक्त वृक्षों को काटना आवश्यक हो तो वन विभाग की अनुमति से ही इन्हें काटा जाए। इस प्रयोजन के लिए, वन विभाग उसी प्रक्रिया का पालन करेगा जो पंजाब भूमि सुरक्षा अधिनियम, 1900 की धारा 4 और 5 के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों के लिए परमिट देने के लिए अपनाई गई है। यदि सूची से हटाए गए क्षेत्र के अलावा जिले में कहीं भी हरे आम, नीम, पीपल और बोहड़ के पेड़ों को काटना आवश्यक हो तो उन्हें उपायुक्त कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही काटा जाए।
आदेश में कहा गया है कि देखने में आया है कि कुछ लोग बिना किसी कारण के हरे आम, नीम, पीपल व बोहड़ के पेड़ों को काट रहे हैं। इन वृक्षों का प्राचीन काल से ही धार्मिक महत्व रहा है तथा पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अलावा जंगली पशु-पक्षियों आदि का रात्रि निवास भी आमतौर पर इन बड़े वृक्षों पर पाया जाता है। इस प्रकार वृक्षों की कटाई से जहां पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वहीं पक्षियों के बसेरों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण कई पक्षी प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। इस कारण इनकी कटाई रोकना आवश्यक है। यह आदेश 8 मार्च तक लागू रहेगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here