Edited By Urmila,Updated: 03 Sep, 2024 05:24 PM
आदेश में कहा गया है कि पोल्ट्री फार्म, राइस शेलर, भट्टियां और अन्य लघु उद्योगों में अधिकांश श्रमिकों को दूसरे राज्यों और एक स्थान से दूसरे स्थान पर श्रमिक के रूप में रखा जाता है।
संगरूर (विवेक सिंधवानी): अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट संगरूर अमित बांबी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम (बी.एन.एस.एस.), 2023 की धारा 163 के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए पोल्ट्री फार्म, चावल शेलर, भट्टियां और लघु उद्योग, शहरी, ग्रामीण, आवासीय मकान मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी फर्मों और आवासीय घरों में रहने वाले या काम करने वाले किराएदारों का नाम, पूरा पता, फोटोकॉपी अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन या पुलिस स्टेशन में जमा करें और श्रमिकों को तुरंत पंजीकृत कराएं शुरुआत में ही लिखें कि वे अपनी मर्जी से काम में लगे हैं।
आदेश में कहा गया है कि पोल्ट्री फार्म, राइस शेलर, भट्टियां और अन्य लघु उद्योगों में अधिकांश श्रमिकों को दूसरे राज्यों और एक स्थान से दूसरे स्थान पर श्रमिक के रूप में रखा जाता है। ऐसे श्रमिकों का कोई पता रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है जिससे अपराध की स्थिति में दोषियों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अगर शहरी और ग्रामीण इलाकों में किरायेदार रहते हैं तो मकान मालिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने किरायेदार के बारे में अपने संबंधित थाने के मुख्य थानाध्यक्ष को सूचित करें। इसके अलावा गांवों के चौकीदारों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई व्यक्ति बाहर से आकर गांव में बसता है तो उसकी सूचना अपने-अपने थाने में दें। यह आदेश 27 अक्तूबर 2024 तक लागू रहेगा।
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