Edited By swetha,Updated: 10 Nov, 2018 08:49 AM

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने चंडीगढ़ में चल रहे अपने सिख ऐतिहासिक स्रोत सम्पादना प्रोजैक्ट के डायरैक्टर डा. किरपाल सिंह को पद से हटा दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की पुस्तक में सिख इतिहास को बिगाडऩे...
अमृतसर(दीपक, सुमित): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने चंडीगढ़ में चल रहे अपने सिख ऐतिहासिक स्रोत सम्पादना प्रोजैक्ट के डायरैक्टर डा. किरपाल सिंह को पद से हटा दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की पुस्तक में सिख इतिहास को बिगाडऩे के मामले पर सिख जत्थेबंदियों, निहंग सिंह दलों, संत समाज, सिख संप्रदायों, गुरमत टकसालों के प्रतिनिधियों और सिख बुद्धिजीवियों के साथ मीटिंग दौरान सामने आए विचारों के बाद शिरोमणि कमेटी प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने यह फैसला लिया है।
शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से गुरु इतिहास और सिख इतिहास को बिगाडऩे की घिनौनी कार्रवाई विरुद्ध सिख जगत में भारी रोष है और आज की मीटिंग दौरान सभी सिख प्रतिनिधियों ने पंजाब सरकार की कड़े शब्दों में ङ्क्षनदा की है। उन्होंने कहा कि मीटिंग दौरान सभी पक्षों ने एक राय होकर पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को गुर इतिहास बिगाडऩे पर सिख जगत से माफी मांगने के लिए कहा है। यदि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने माफी न मांगी तो शिरोमणि कमेटी कानूनी कार्रवाई को अंजाम देगी।
डा. किरपाल सिंह को पद से हटाने संबंधी भाई लौंगोवाल ने कहा कि गुर इतिहास बारे गलत तथ्य सामने आने के बाद उन्होंने अपनी गलती मानने की बजाय किताब में शामिल गलत तथ्यों को सही ठहराने का यत्न किया है। मीटिंग में शिरोमणि कमेटी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर, बाबा बिधीचंद संप्रदाय के प्रमुख बाबा अवतार सिंह, बाबा जगजीत सिंह लोपों, बाबा तेजा सिंह, भाई अमरजीत सिंह चावला जनरल सचिव, डा. रूप सिंह मुख्य सचिव सहित अन्य गण्यमान्यों ने अपने विचार प्रकट किए।