Edited By Vatika,Updated: 28 Aug, 2025 09:26 AM

निर्यातकों के साथ सीधे तौर पर जुड़ी करीब 8 लाख लेबर हो सकती है बेरोजगार
लुधियाना (धीमान): अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 प्रतिशत अतिरक्त टैरिफ बढ़ाकर पंजाब से अमरीका को जाने वाले 83,000 करोड़ के बाजार का शटर डाऊन करवा दिया है। बेशक, अमरीका को सीधे तौर पर निर्यात करने वाले मानते हैं कि टैरिफ से होने वाला नुकसान कुछ समय के लिए जरूर बर्दाश्त करना पड़ेगा लेकिन इसके बाद यह भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वजह, साफ है क्योंकि अब भारतीय निर्यातक नया बाजार तलाशेंगे। इस नए टैरिफ का असली नुकसान लेबर को होगा जो 100 प्रतिशत एक्सपोर्ट हाऊस में काम कर रहे हैं। निर्यातक कहते है कि यदि भारत सरकार इन्हें आर्थिक पैकेज दे दे तो वह बढ़े हुए टैरिफ के बाद भी अमरीका को खुलकर निर्यात कर सकते है। इससे ट्रंप को करारा झटका दिया जा सकता है। इसके बाद से वह खुद भारत पर ओर कोई नया टैरिफ लगाने की हिम्मत नहीं करेगा।
अमरीकी बायर्स के साथ विचार-विमर्श चल रहा है: एस.पी. ओसवाल
वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी.ओसवाल मानते है कि 50 प्रतिशत टैरिफ लगने से गारमैंट इंडस्ट्री को नुकसान जरूर होगा लेकिन यह शार्ट टर्म वाला होगा। इसके बारे में फिलहाल अमरीकन बायर्स के साथ बातचीत चल रही है। उनसे कहा जा रहा है कैसे नए आर्डर वे देंगे और हम किस कीमत पर उनका भुगतान करेंगे। हमने भी अपनी एक्सपर्ट टीम के साथ मंथन करना शुरू कर दिया है कि अमरीकन बाजार के नुकसान की भरपाई कैसे होगी। इतना जरूर है कि अगर अमरीका के साथ कारोबारी सांझ दोबारा न बनी तो लेबर का कट शार्ट करना पड़ सकता है।
ट्रंप की मनमानी पर अंकुश लगाना जरूर : जे.आर. सिंघल
जे.आर.एस. ईस्टमैन ग्रुप के चेयरमैन जे.आर. सिंघल कहते हैं कि अब समय आ गया है कि ट्रंप की मनमानियों पर अंकुश लगाया जाए। इसके लिए भारत सरकार हर कदम उठा रही है। निर्यातकों के लिए 25,000 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज देने की योजना तैयार हो रही है। इसके अलावा निर्यातकों का नुकसान पूरा करने के लिये उन्हें जी.एस.टी में कटौती की जा रही है। ऐसे कदमों से ट्रंप को झटका लगेगा। अमरीका को पूरे विश्व से होने वाले निर्यात में भारत का हिस्सा मात्र 2 से 2.5 प्रतिशत ही है। ऐसे में अब भारतीयों को नया बाजार तलाश कर उस ओर रूख करना चाहिए।
फिलहाल उत्पादन रोक दिया गया है : कमल ओसवाल
नाहर ग्रुप के मैनेजिंग डायरैक्टर कमल ओसवाल कहते हैं कि नए टैरिफ के बाद से भारतीय गारमैंट इंडस्ट्री ने उत्पादन बंद कर दिया है। निर्यातकों ने फैसला किया है जब तक इसका कोई स्थाई हल नही निकलता तब तक उत्पादन नहीं शुरू होगा। अब सबसे बड़ी समस्या लेबर की आ गई है। अमरीकी कांट्रैक्ट को पूरा करने के लिए अलग से एक एक्सपर्ट लेबर रखी जाती है। अब उस लेबर को कहा एडजस्ट करे समझ से परे हो गया है।
करोड़ों का माल तैयार, ग्राहक उठाने को तैयार नहीं : अमित थापर
गंगा एक्रोवूल के सी.एम.डी. अमित थापर कहते है कि अमरीका भेजे जाने वाला माल तैयार है अमरीकन ग्राहकों शर्त रख दी है कि 25 प्रतिशत डिस्काऊंट दोगे तो माल उठाएंगे। अब सोच में है कि कैसे माल पर डिस्काऊंट दिया जाये। दूसरा, हमारें पास 5000 लेबर है। उसे कहां एडजस्ट करना है, समझ नहीं आ रहा।
घरेलू बाजार में बढ़ सकता है कम्पीटिशन : वरुण मित्तल
कुदु निटवियर ग्रुप के डायरैक्टर वरूण मित्तल कहते हैं कि ट्रंप टैरिफ के कारण घरेलू बाजार में आपसी कम्पीटिशन बढ़ सकता है। वजह साफ है क्योंकि अमरीका के बाजार का काम बंद हो गया है और अब कारोबािरयों का फोकस घरेलू बाजार पर होगा। विश्व के अन्य बाजार को ढूंढने में समय लगेगा। कुल मिलाकर निर्यातकों का अरबों रिपए का नुकसान है।