Edited By Urmila,Updated: 04 Jan, 2025 04:03 PM
शहर के बड़े शराब के ठेकों पर मुफ्तखोरों की नजर है। करीब दो गैंग बड़े शराब के ठेकेदारों को शराब लूट कर हजारों की चंपत लगा रहे हैं।
जालंधर: शहर के बड़े शराब के ठेकों पर मुफ्तखोरों की नजर है। करीब दो गैंग बड़े शराब के ठेकेदारों को शराब लूट कर हजारों की चंपत लगा रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ के हाथ ऐसी कई सी.सी.टी.वी. फुटेज लगी हैं, जिसमें मुफ्तखोर हजारों की कीमत की बोतलें लूट लेते हैं और जब तक ठेके पर काम करने वालों को कुछ समझ लगे तब तक वह फरार हो जाते हैं।
हाल ही में बस स्टैंड के पास एक शराब के बड़े ठेके पर वारदात हुई। ठेके पर काम करने वाले काला ने बताया कि उसके पास एक युवक आया। जिसने 3300-3300 रुपए की दो शराब की बोतलें ली। उसने अपनी गाड़ी का दरवाजा खोल रखा था। उसके साथ अन्य ग्राहक भी ठेके पर शराब खरीद रहे थे। हालांकि उसकी नजर उस व्यक्ति पर थी, लेकिन अन्य कस्टमर होने के कारण उसका ध्यान भटक रहा था। शराब लेकर जब पैसे देने की बात आई तो उसने अपने ऑन लाइन पेमैंट करने के लिए स्केनर मांगा। स्केनर देने पर उसने पेमैंट करने का ड्रामा किया जिसके बाद उसे पैसे ट्रांसफर होने का एक फोटो दिखाया गया लेकिन पैसे ट्रांसफर नहीं हुए और देखते ही देखते वह युवक बोतलें लेकर कार में बैठ कर चला गया।
पीड़ित ने कहा कि इसी तरह उनके अन्य ठेकों पर भी वह युवक इसी तरह से शराब लूट ले जाते हैं। एक युवक बैग भर कर शराब व बीयर की बोतलें ले भाग गया। जब उसने उक्त युवक की तस्वीर अन्य ठेकों के कर्मचारियों को दिखाई तो तब जाकर पता लगा कि उक्त व्यक्ति ही बार-बार ठेकों से शराब लूटता है। इसी तरीके से एक अन्य गैंग भी इसी तरह शराब के ठेकों पर वारदात करते हैं। आरोपी पहले से ही गूगल पे या फिर पे.टी.एम. की ट्रांसफर हुई पेमैंट की तस्वीरें एडिट करके अपने साथ रखते हैं। कई बार तो रात के समय ठेकों पर मीडिया का नाम लेकर भी कुछ अपराधिक छवि वाले लोग ठेकों पर शराब को जबरदस्ती मांगते हैं।
गैंग के डर से ठेकों पर लोहे के गेट बनाए गए
सेल्समैन काला ने बताया कि उनके शहर में कई शराब के ठेके हैं। यह लोग उन ठेकों पर ही वारदातें करते हैं जिनमें लोहे के गेट नहीं लगे। यह लोग बड़े ठेकों पर आते हैं। जिन ठेकों पर लोहे के गेट लगे हैं, वहां ऐसी कोई वारदातें नहीं होती लेकिन बड़े ठेकों पर मात्र दरवाजे होते हैं, जिन्हें खोल कर आरोपी बड़े आराम से भाग जाते है। इन लोगों ने पहले से ही अपना साथी बाहर कार या बाइक पर खड़ा किया होता है जो गाड़ी स्टार्ट ही रखता है और साथी के आने के बाद काफी तेजी से गाड़ी भगा ले जाते हैं। करीब सात महीनों से इन लोगों के कारण लाखों का नुकसान हो चुका है। बड़े ठेकों पर काऊंटर पर बैठे कर्मचारियों को इतना भी समय नहीं मिलता कि वह काऊंटर से कूद कर उसका पीछा कर सके। अगर पीछा भी करें तो पीछे से गल्ले से कैश और शराब की बोतलें भी चोरी होने का डर रहता है।
पैसे ट्रांसफर होने की अवाज न आने पर पकड़ लिया था आरोपी
काला ने बताया कि उनके एक अन्य ठेके पर भी यही व्यक्ति आया और महंगी शराब की बोतलें उठा ली। जब पैसे ट्रांसफर किए तो उसने वही स्क्रीन शॉट दिखाया लेकिन पैसे ट्रांसफर होने की अवाज न आने पर उनके सैल्समैन ने उसे रोक लिया। आरोपी ने कान पर फोन लगा लिया और बात करने का ड्रामा करने लगा। यही व्यक्ति बार-बार वारदातें करता है। बाद में उसने सैल्समैन को अपने साथी से कैश लाने की बात कही और बाहर जाकर गाड़ी में बैठ फरार हो गया।
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