Edited By Vatika,Updated: 14 May, 2025 02:12 PM

इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में यह कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
गुरदासपुर (विनोद): पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इस घटना से जिला पुलिस गुरदासपुर को भी समय रहते सबक लेने की ज़रूरत है और जिले में चल रहे अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सीमावर्ती इलाकों और आसपास के गांवों में अवैध शराब का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। हालांकि पुलिस समय-समय पर तस्करों के खिलाफ छापेमारी करती है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में यह कारोबार धड़ल्ले से जारी है। घटिया शराब लोगों की जान की दुश्मन बनती जा रही है।
गुरदासपुर जिले के वो गांव जो अवैध शराब के लिए बदनाम हैं
गुरदासपुर जिले के कई गांवों में अवैध शराब खुलेआम बिक रही है। जौड़ा छत्तरां, मोचपुर, मनकौर सिंह, बहरामपुर, बरियार, अवांखा, पनियाड़, ढीढ़ा सांसिया, भैनी मियां खां, बहरामपुर आदि प्रमुख रूप से बदनाम गांव हैं, जहां बिना किसी डर के शराब बनाई और बेची जा रही है। दर्जनों मामले दर्ज होने के बावजूद यह कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा।
पंजाब में जहरीली शराब से मौत का चौथा बड़ा मामला
यह पंजाब में जहरीली शराब से मौत का चौथा बड़ा मामला है। इससे पहले तरनतारन जिले में 100 से अधिक, संगरूर में 21 और अमृतसर के तरसिक्का थाने के मूसल गांव में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरदासपुर के मोचपुर गांव में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। अब मजीठा में 17 से अधिक मौतें इस गंभीर समस्या की भयावहता को उजागर कर रही हैं।
महंगी शराब के कारण लोग घटिया शराब पीने को मजबूर
महंगी शराब हर किसी की पहुंच से बाहर हो चुकी है। अमीर वर्ग तो शराब की दुकानों से ब्रांडेड शराब खरीद सकता है, लेकिन ग्रामीण और दिहाड़ी मजदूर 10-20 रुपए प्रति गिलास की दर से सस्ती और जहरीली देसी शराब खरीदने को मजबूर हैं, जो उनके लिए जानलेवा साबित हो रही है।
जिले के लगभग हर थाना क्षेत्र में चल रहा अवैध कारोबार
गुरदासपुर जिले के सिटी थाना, सदर थाना, धारीवाल, कलानौर, डेरा बाबा नानक, घुम्मन, काहनूवान, भैणी मियां खां, दीनानगर, तिब्बड़, पुराना शाला जैसे थाना क्षेत्रों के गांवों में अवैध शराब का धंधा बड़े स्तर पर चल रहा है। पुलिस भले ही कार्रवाई करती हो, लेकिन अधिकतर मामलों में आरोपी को थाने से ही ज़मानत मिल जाती है। कुछ लोगों पर 20 से 30 तक केस दर्ज हैं, फिर भी उनका कारोबार जारी है।
अवैध शराब के धंधे में महिलाएं भी सक्रिय
अवैध शराब का धंधा अब केवल पुरुषों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महिलाएं भी इसमें शामिल हो चुकी हैं। कई बार महिलाएं दिन में शराब बेचते हुए पकड़ी गई हैं। पुलिस द्वारा दर्ज मामलों से स्पष्ट है कि महिलाएं भी इस धंधे में अहम भूमिका निभा रही हैं।
एस.एस.पी. गुरदासपुर आदित्य का बयान
इस संबंध में एस.एस.पी. गुरदासपुर आदित्य ने कहा कि पंजाब पुलिस ने पूरे राज्य में नशों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। अभी पुलिस का ध्यान हेरोइन, अफीम, गांजा व अन्य सिंथेटिक ड्रग्स पर केंद्रित है, लेकिन शराब के अवैध धंधे को किसी भी हालत में नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हालांकि यह कार्य मुख्य रूप से आबकारी एवं कर विभाग का है, परंतु विभाग जब भी मांग करेगा, पुलिस पूरा सहयोग देगी। इसका मतलब यह नहीं कि पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है- हम अपने स्तर पर भी कार्रवाई कर रहे हैं। मेरी जानकारी में अवैध शराब का बड़ा हिस्सा हिमाचल प्रदेश के छन्नी बेली कस्बे से आता है। हम वहां की पुलिस से तालमेल कर सख्त कार्रवाई करेंगे।”