पंजाबियों के लिए डरावनी खबर, हालात बने गंभीर, हैरान कर देगी Report

Edited By Kalash,Updated: 06 Jan, 2025 06:43 PM

scary news for punjabis

पंजाब जिसे कभी देश का अन्न भंडार कहा जाता था। आज पानी की जहरीलेपन की गंभीर समस्या से जूझ रहा है।

जीरा : पंजाब जिसे कभी देश का अन्न भंडार कहा जाता था। आज पानी की जहरीलेपन की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। राज्य के विभिन्न इलाकों में पानी की गिरती गुणवत्ता न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे रही है, बल्कि अर्थव्यवस्था, कृषि, और पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन का पानी, जो मुख्य स्रोत है, अब कई जहरीले तत्वों से भर गया है। नाइट्रेट, आर्सेनिक, सीसा, और यूरेनियम जैसे तत्व पानी के नमूनों में पाए गए हैं, जो लंबे समय तक पानी पीने से गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, और मानसा जैसे जिलों में यह समस्या और भी गंभीर रूप ले चुकी है। कृषि में रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के अलावा, औद्योगिक कचरे को बिना साफ किए नदियों और झीलों में फैंकना इस जहरीलेपन का मुख्य कारण है। विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल की जा रही अनुचित प्रणाली स्थिति को और भी भयावह बना रही है।

जीव-जंतुओं की प्रजातियां हो रहीं विलुप्त: गुरबख्श सिंह बाजेके

पी.डी.एफ. के जिला प्रधान गुरबख्श सिंह बाजेके ने कहा कि पानी के जहरीलेपन का पर्यावरण पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ा है। नदियों और झीलों के पानी की गुणवत्ता में आई गिरावट के कारण कई जीव-जंतुओं की प्रजातियां खत्म हो रही हैं। फिरोजपुर की सतलुज नदी इसका उदाहरण है, जहां जलचर प्रजातियां पिछले दशक में काफी कम हो गई हैं। मछलियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसके अलावा, जहरीले पानी के कारण लोगों में कैंसर, किडनी रोग और त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। बठिंडा और फाजिल्का जिलों को कैंसर पट्टी के नाम से जाना जाने लगा है। बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास रुकने के मामले भी सामने आ रहे हैं।

पानी के स्रोतों की सुरक्षा के लिए योगदान दें: गिल

बेटर स्किल इमीग्रेशन के डायरेक्टर सिमरनजीत सिंह गिल ने कहा कि पानी की गुणवत्ता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक जन अभियान की आवश्यकता है। लोगों को यह समझाना बेहद जरूरी है कि वे अपने पानी के स्रोतों की सुरक्षा में कैसे योगदान दे सकते हैं। जैविक खेती, रिचार्ज प्रणाली और स्वच्छ पानी के स्रोतों की स्थापना के माध्यम से समाधान खोजा जा सकता है। सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें पानी के स्रोतों की सफाई और नियमित जांच प्रणाली शामिल हो। इसके साथ, लोगों को सस्ती और सुरक्षित जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

जहरीले पानी की समस्या स्वास्थ्य मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक संकट भी: सुखपाल वरपाल

दूध के व्यवसाय से जुड़े पूर्व सरपंच सुखपाल सिंह वरपाल ने कहा कि पंजाब में जहरीले पानी की समस्या केवल स्वास्थ्य से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक संकट भी है। उन्होंने कहा कि पानी के साथ अब पंजाब का दूध भी असली नहीं रहा। इस संकट का समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। जब तक सरकार, जनता और औद्योगिक समुदाय सामूहिक रूप से इस समस्या के समाधान के लाभों को नहीं समझेंगे, तब तक इस संकट का समाधान असंभव है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!