Edited By Urmila,Updated: 13 Mar, 2023 04:27 PM

शमशेर सिंह ने कहा कि यूनियन सोमवार को चंडीगढ़ पहुंच रही है, जहां पर और बड़े फैसले लिए जा सकते है।
जालंधर : पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन ने सरकार से बजट सत्र के दौरान कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग रखी थी, जोकि पूरी नहीं हो पाई है। इसके खिलाफ यूनियन ने मोर्चा खोलते हुए 15 मार्च से रोष प्रदर्शन शुरू करने का फैसला लिया है। यूनियन के सरप्रस्त कमल कुमार, प्रदेश प्रधान रेशम सिंह, महासचिव शमशेर सिंह की प्रधानगी में सर्व-सर्वसम्मति के साथ फैसला लिया गया है कि बुधवार को पंजाब के सभी डिपुओं में रोष रैलियां करके रोष प्रर्दशन किया जाएगा।
यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा पंजाब के मुख्य सचिव ने मीटिंग करके उनके मसलों को हल करने का वायदा किया था जोकि अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके चलते 18 मार्च को मुख्यमंत्री के विधानसभा हलका संगरूर में रोष रैली की जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि 18 तक सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने संबंधी लिखित में पत्र जारी नहीं किया तो अनिश्चितकालिन समय के लिए बसों का चक्का जाम किया जाएगा।
शमशेर सिंह ने कहा कि यूनियन सोमवार को चंडीगढ़ पहुंच रही है, जहां पर और बड़े फैसले लिए जा सकते है। पदाधिकारियों ने फैसला लिया तो मंगलवार सुबह से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी व पनबस व पी.आर.टी.सी. के कर्मचारी कोई भी काम नहीं करेंगे। इस दौरान बाहर से नए आने वाले आऊटसोर्स कर्मचारियों को डिपुओं में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले समय के दौरान ट्रांसपोर्ट विभाग के सेक्रेटरी, डायरैक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में बातों पर सहमति बनी थी, लेकिन उनकी मांगों को बार-बार आगे डाला जा रहा है जिसके चलते यूनियन के कर्मचारियों को वित्तीय परेशानी झेलनी पड़ रही है।
वेतन में 5 प्रतिशत बढ़ौतरी लागू की जाए
वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के समय वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ौतरी की गई लेकिन सरकार बदलने के बाद अधिकारियों ने कई तरह प्रश्नचिन्ह लगाकर फाइल को लटका दिया। उन्हें वेतन में 5 प्रतिशत वृद्धि पर जल्द फैसला आने का भरोसा दिलाया गया था जोकि लंबित है। नौकरी से सस्पैंड किए गए 300 कर्मचारियों को बहाल किए जाने पर रिव्यू कमेटी द्वारा तुरंत फैसला लेने की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। वक्ताओं ने कहा कि उक्त कमेटी कर्मचारियों के कामकाज को लेकर चल रही शर्तों में बदलाव करेगी। इससे छोटी-छोटी रिपोर्ट होने पर सस्पैंड होने के सिलसिले पर रोक लगेगी। विभाग द्वारा भविष्य में किसी भी कर्मचारी को सस्पैंड करने से पहले पूरे घटनाक्रम व विचार करना होगा।
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