Edited By Urmila,Updated: 16 Oct, 2023 04:01 PM
पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने जहां किसानों को चिंता में डाल दिया है।
भिखीविंड : पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने जहां किसानों को चिंता में डाल दिया है, वहीं पहली बारिश ने ही मंडी बोर्ड द्वारा किए गए प्रबंधों की पोल खोल दी है। एक तरफ शैलरों की हड़ताल और दूसरी तरफ आढ़तियों की हड़ताल के कारण किसान मंडियों में जाने को मजबूर हैं और प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया है। अगर दाना मंडी भिखीविंड की बात करें तो इस मंडी के बाहर बीती रात हुई भारी बारिश से किसानों की धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और धान की ढेरियां पानी में डूब गई हैं। जहां आज पूरे दिन व्यापारी एवं किसान जे.सी.बी. के गड्ढे खोद रहे कर पानी निकाल रहे थे, लेकिन सरकार के किसी भी उच्च अधिकारी ने एक बार भी आकर किसानों की सार नहीं ली।
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के जिला अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा कि सरकार को हड़ताल का समाधान निकालना चाहिए और किसानों की सार लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आढ़ती और शैलर मालिक हड़ताल पर चले गए हैं, उससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आढ़तियों व शैलर मालिकों की हड़ताल खत्म कर किसानों की फसल का उठान किया जाए। किसान जसपाल सिंह ने कहा कि कई किसानों ने ठेके पर जमीन लेकर खेती की है और कर्जा लेकर फसल उगाई है और आज जब वे फसल लेने के लिए मंडियों में आए तो व्यापारी हड़ताल के कारण फसल को मंडियों में खराब कर रहे हैं। गैरकानूनी हड़ताल करने वालों पर कार्रवाई करना सरकार के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों और आढ़तियों के बीच टकराव हो सकता है क्योंकि पंजाब में कहीं भी किसी ने कोई हड़ताल नहीं की है। उन्होंने जिला तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर से मांग करते हैं कि वह इस हड़ताल को खत्म कराएं और किसानों की फसल खरीदें।
किसान सतनाम सिंह ने कहा कि जहां पहले ही बारिश ने धान पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है वहीं आज किसानों की फसल मंडियों में पूरी तरह से खराब हो रही है क्योंकि किसान और शैलर वाले हड़ताल पर चले गए हैं जिसके कारण किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है। किसान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग करते हैं कि वह इस हड़ताल को खत्म कराएं और अवैध हड़ताल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। आढ़ती यूनियन भिखीविंड के अध्यक्ष कारज सिंह ने कहा कि शैलर मालिक हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके चलते आढ़तियों ने भी हड़ताल कर दी है, क्योंकि मंडियों अंदर धान तोला गया है उसकी लिफ्टिंग न होने के कारण मजबूरी में आढ़तियों को यह फैसला लेना पड़ा है क्योंकि मंडियों के अंदर जगह नहीं है।
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