Punjab: किसानों के धरने के कारण यात्रियों के साथ रेल विभाग की बढ़ी परेशानी

Edited By Kamini,Updated: 25 Apr, 2024 10:09 PM

railway department faces increased problems

पिछले 9 दिनों से शंभू रेलवे स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर किसानों की तरफ से लगाए गए धरने के कारण यात्रियों को जहां भारी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है,

लुधियाना (गौतम) : पिछले 9 दिनों से शंभू रेलवे स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर किसानों की तरफ से लगाए गए धरने के कारण यात्रियों को जहां भारी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है, वहीं रेलवे को माल ढुलाई आधी से भी कम होने व यात्रियों को टिकट रिफंड देने के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। सूत्रों के अनुसार अभी तक करीब 35 लाख रुपए का ही टिकट रिफंड हो चुका है। धरने के कारण हर रोज करीब 140 ट्रेनें प्रभावित हो रही है।

हर रोज 60 के करीब ट्रेनें रद्द की जा रही है, जब कि इतनी ही ट्रेनों को रूट डायवर्ट कर चलाया जा रहा है। ट्रेनों का रूट डायवर्ट होने के कारण ट्रेनें अपने समय से 3 से 10 घंटे की देरी से चल रही है।  ट्रेनें रद्द होने के कारण व्यापारियों को अपना माल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने व दूसरे राज्यों से माल मंगवाने को लेकर भारी परेशानी सहन करनी पड़  रही है। व्यापारियों का कहना है कि माल की बुकिंग व माल इसलिए नहीं मंगवाया जा रहा कि पता नहीं किस समय कौन सी ट्रेन को रद्द कर दिया जाए । इसी लिए व्यापारियों ने रेलवे के जरिए माल मंगवाने की बजाए ट्रास्पोर्टों की तरफ रूख कर लिया है। हलाकि उनका इसके लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है । वही सामान मंगवाने व भेजने में भी रेलवे से अधिक समय लगता है। 

हौजरी कारोबारियों का कहना है कि अभी गर्मियों का सीजन शुरू ही हुआ है, लेकिन माल उचित समय पर न पहुंचने के कारण माल का रिपीट आर्डर मिलने में मुश्किल होगी, जिससे सीजन प्रभावित होगा। इसी तरह अलग अलग तरह का सामान मंगवाने वाले कारोबारियों का भी यही मानना है ।  विभागीय सूत्रों का कहना है कि माल की बुकिंग भी आधे से कम हो गई है। माल बुकिंग वाली कई ट्रेनें रद्द होना इसका मुख्य कारण है । जब कि नई बिछाई गई तीसरी लाइन पर केवल डीएफसी की ही ट्रेनों को चलाया जा रहा है । ट्रेनों के रूट डायवर्ट होने के कारण ट्रेनों को मोरिंडा, चंडीगढ, अंबाला व धूरी जाखल के रास्ते से चलाया जा रहा है। जिसके चलते माल गाडियों को चलाने में भी विभाग को काफी दिक्कत पेश आ रही है। इसी वजह से माल ढुलाई का माल भी कम बुक हो रहा है। 

चुनावों पर असर, प्राइवेट बस आपरेटरों की चांदी 
लोकसभा चुनावों के चलते प्रवासी लोगों को अपने गांव वापस जाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अलग-अलग चरणों में यूपी व बिहार में होने वाले चुनावों को लेकर अधिकतर प्रवासी अपने अपने गांव पहुंचना चाहते है । हलाकि पहले चरण के चुनावा 19 अप्रैल को संपन्न हो चुके है, दूसरे चरण के चुनाव 26 अप्रैल को होने है, जिनमें यूपी में 8, बिहार में 5, राजस्थान में 13, छत्तीसगढ में 3 व मध्य प्रदेश में 7 सीटों पर चुनाव होने है ।  लेकिन शंभू रेलवे स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों का धरना लगातार जारी रहा। अपने गांव पहुंचने के लिए प्रवासी लोग प्राइवेट बसों का सहारा ले रहे है। जिसके चलते प्राइवेट बस आपरेटरों की चांदी हो रही है और वह मुंह मांगा किराया वसूल कर रहे है । कई लोग ग्रुपों बना कर प्राइवेटट बसे बना कर अपने गांवों की तरफ जा रहे है। 
 

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