Edited By swetha,Updated: 09 Apr, 2020 10:55 AM
कोरोना वायरस के कारण यहां हर तरफ खौफ हैं, वहीं पठानकोट में सिविल अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी दे रहे स्टाफ और दर्जा चार कर्मियों को पी.पी.ई. किट (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) के नाम पर बरसाती (रेन कोट), सर्जिकल गलव्स और नॉर्मल मास्क थमा...
पठानकोटः: कोरोना वायरस के कारण यहां हर तरफ खौफ हैं, वहीं पठानकोट में सिविल अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी दे रहे स्टाफ और दर्जा चार कर्मियों को पी.पी.ई. किट (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) के नाम पर बरसाती (रेन कोट), सर्जिकल गलव्स और नॉर्मल मास्क थमा दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार सुजानपुर में कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत के बाद उसके परिवार के पॉजिटिव आए 6 सदस्यों को सिविल अस्पताल पठानकोट के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी दे रहे स्टाफ और दर्जा चार कर्मियों को पी.पी.ई. किट (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) के नाम पर बरसाती (रेन कोट), सर्जिकल गलव्स और नॉर्मल मास्क थमा दिए गए हैं। जबकि दर्जा चार कर्मियों को गलव्स भी नहीं हैं। कुछ मुलाजिमों ने बताया कि उनकी ड्यटी आइसोलेशन वार्ड में लगी है, उससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। पर सर्जिकल गलव्स सिर्फ हाथ ही कवर करते हैं और रेन कोट पूरा शरीर नहीं ढकता, मास्क भी एन-95 की जगह साधारण है। गलव्स आधी बाजू कवर करने और आंखों को कवर करने के लिए भी प्रोटेक्शन इक्विपमेंट मिलने चाहिए थे। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. विनोद सरीन का कहना है कि पी.पी.ई. किट सहित सारा सामान हमारे पास उपलब्ध है, उसका इस्तेमाल कहां पर करना है, उसका हमें पता है।