इंडोनेशिया की जेल में 22 साल से बंद है पंजाब का गुरदीप, परिवार लगा रहा गुहार

Edited By Kalash,Updated: 26 Jan, 2025 06:02 PM

punjabi man in indonesia jail for 22 years

परिवार के बेहतर भविष्य और रोजी-रोटी के लिए 2002 में इंडोनेशिया गया जालंधर तहसील के नकोदर निवासी गुरदीप सिंह करीब 22 वर्षों से इंडोनेशिया की जेल में सजा काट रहा है।

नकोदर (पाली): परिवार के बेहतर भविष्य और रोजी-रोटी के लिए 2002 में इंडोनेशिया गया जालंधर तहसील के नकोदर निवासी गुरदीप सिंह करीब 22 वर्षों से इंडोनेशिया की जेल में सजा काट रहा है। परिवार ने भारत के प्रधानमंत्री से मांग की है कि गुरदीप सिंह की सजा माफ करवा कर उसे वापिस  भारत लाया जाए।    

उल्लेखनीय है कि गुरदीप सिंह (56) 2002 में इंडोनेशिया गया था और उसने आगे न्यूजीलैंड पहुंचना था पर 2004 में पुलिस ने ड्रग तस्करी के मामले में 300 ग्राम हेरोइन बरामद कर उसे जेल भेज दिया। उसे इंडोनेशिया के तंगेरांग बटेल प्रांत की अदालत ने 2016 में देश में ड्रग तस्करी के लिए सजा सुनाई थी। 

इस संबंध में 'पंजाब केसरी' की टीम नकोदर के मोहल्ला खैरेयां में गुरदीप सिंह के घर पहुंची, जहां उसकी पत्नी कुलविंदर कौर अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं। उसने अपने पति गुरदीप सिंह के इंडोनेशियाई जेल में बंद होने के बारे में बताया कि 2002 में वह एक एजेंट के माध्यम से इंडोनेशिया गया था, जहां से उसने न्यूजीलैंड जाना था, लेकिन वहां उसे एक पाकिस्तानी द्वारा झूठे ड्रग केस में फंसा दिया गया। कई वर्षों तक तो उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। वह फोन पर कहता था कि वह जल्द ही रिहा हो जाएगा और भारत आ जाएगा।

नकोदर में अपने बच्चों के साथ रह रही उसकी पत्नी कुलविंदर कौर ने रुंधे हुए दिल से कहा कि बच्चे अभी भी अपने पिता का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उसका पति कभी भी विदेश से बच्चों के लिए कुछ भेजना तो क्या खुद जेल में बेबस था जो लंबे समय बाद भी कभी-कभी फोन पर बात करता था। अपनी बढ़ती उम्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह मजबूरी में बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं। उन्हें क्या पता था कि परिवार के सारे सपने टूटने वाले हैं।

कुलविंदर कौर और उनके परिवार ने भारतीय दूतावास, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यसभा सदस्यों से पुरजोर मांग की है कि लंबे समय से इंडोनेशिया की जेल में बंद गुरदीप सिंह को माफ करके भारत वापस लाया जाए। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि वह गुरदीप सिंह के मामले में मदद के लिए आगे आए।

भावुक होते हुए परिजनों ने बताया कि जब उन्हें 2016 में भारतीय दूतावास के माध्यम से पता चला कि उसके पति की इंडोनेशिया में गोली मारकर हत्या कर दी जाएगी। इस खबर ने परिवार को तोड़कर रख दिया था, लेकिन उस समय भारतीय विदेश मंत्रालय और केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से परिवार वालों की अपील पर इंडोनेशियाई अदालत ने गुरदीप सिंह की सजा को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया था। वह अभी भी इंडोनेशिया की जेल में बंद है। वह सजा काट रहा है और उसे रिहा नहीं किया जा रहा है।

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