Edited By Subhash Kapoor,Updated: 13 Sep, 2025 07:25 PM

हाल ही में आई बाढ़ ने फाजिल्का के सरहदी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। भले ही अब गांवों से दरिया का पानी उतर चुका है, लेकिन अपने पीछे तबाही के ऐसे निशान छोड़ गया है, जिनसे उबरने में स्थानीय लोगों को शायद बहुत लंबा समय लग सकता है।
फाजिल्का (कृष्ण) : हाल ही में आई बाढ़ ने फाजिल्का के सरहदी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। भले ही अब गांवों से दरिया का पानी उतर चुका है, लेकिन अपने पीछे तबाही के ऐसे निशान छोड़ गया है, जिनसे उबरने में स्थानीय लोगों को शायद बहुत लंबा समय लग सकता है। गांव दोना नानका और महात्म नगर के बीच पड़ने वाली ढाणियों में भी हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।
अपना दर्द बयां करते हुए पीड़ित परिवारों ने बताया कि बाढ़ के दिनों में उनके घरों के अंदर 3 से 4 फीट तक पानी भर गया था। जान बचाने के लिए उन्हें अपना घर-बार और कीमती सामान छोड़कर ऊंची और सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी थी। अब जब पानी उतर गया है तो घरों के कमरों में दरियाई मिट्टी और गाद की मोटी परत जम चुकी है। कई जगहों पर मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। उनके परिवार के सदस्य दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि घरों को फिर से रहने योग्य बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि बाढ़ का असर सिर्फ घरों और फसलों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके पशुओं पर भी इसका बुरा असर पड़ा। गंदे पानी और चारे की कमी के कारण कई पशु बीमार हो गए। उनके इलाज का इंतजाम भी उन्हें खुद करना पड़ा, जिससे उन पर बोझ और बढ़ गया। इसके अलावा, खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं, जिससे उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया।
लोगों का कहना है कि बाढ़ ने उनके मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। कई घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और नींव कमजोर हो गई है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द नुकसान का सर्वेक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपने टूटे हुए घरों की मरम्मत कर सकें और जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें।