Edited By Vatika,Updated: 01 Nov, 2024 04:40 PM
जिले में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन के सारे प्रयास धरे के धरे रह गए।
नवांशहर(मनोरंजन): जिले में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन के सारे प्रयास धरे के धरे रह गए। वीरवार दीवाली का रात्रि पर पटाखों के चलने और पराली दहन के कारण जिले में एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया है। यदि एक्यूआई का स्तर इसी तरह बिगड़ता रहा तो आने वाले दिनों में लोगो को सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। दमा के मरीजों के लिए वह चार गुणा घातक हो जाएगा। एक्यूआई के यह स्तर बच्चों व बुजुर्गों के लिए काफी नुकसानदेह है। गौर हो कि हवा यदि स्थिर या कम हो जाए तो भी एक्यूआई पर असर पड़ता है। इसके बढ़ने से मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ जाती है। आतिशबाजी व पराली दहन का यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में एक्यूआई 400 के पास पहुंच सकता है।
आक्सीजन कम होने से बच्चों व बजुर्गों व दमा के मरीजों को आती है अधिक दिक्कत : डा. कटारिया
इस संबंध में सिविल अस्पताल नवांशहर में तैनात एम.डी. मैडीसन डा. गुरपाल कटारिया का कहना है कि एक्यूआई का स्तर इतना बढ़ने से सांस की नली में सूजन भी आ सकती है। खासकर बच्चों व बजुर्गों व दमा के मरीजों को अधिक दिक्कत आती है। आक्सीजन में मात्रा भी कम हो जाती है। दमा के मरीजों की दिक्कत चार गुना बढ़ जाती है।
क्या बरते एहतियात
जब प्रदूषण का लेवल ज्यादा हो घर में रहने का प्रयास करे। जब एक्यूआई सामान्य से ज्यादा हो तो बाहर व्यायाम करना फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। फिट रहने के लिए घर के अंदर ही व्यायाम करे। घर को पल्यूशन फ्री रखने के लिए दरवाजे और खिड़कियां बंद रखे। बच्चों की सेहत के लिए बढ़ता वायु प्रदूषण और भी खतरनाक है, इस लिए बच्चों को स्कूल भेजते समय विशेष सावधानी बरते। तबीयत खराब होने पर तुरंत डाक्टर से दिखाए।