Edited By Vatika,Updated: 23 Jul, 2025 10:41 AM

उन्होंने तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व पटवारियों को भी इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए।
जालंधर (पुनीत): सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने बड़ी रणनीति तैयार की है। डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने जिले के सभी एस.डी.एमज को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित राज्य व केंद्र सरकार की जमीनों की पहचान करें और 10 दिनों के भीतर उक्त जमीनों पर स्पष्ट रूप से सरकारी भूमि होने के बोर्ड लगवाएं।
सरकारी जमीनों की सही पहचान कर साइट की सटीक लोकेशन, क्षेत्रफल, मालिकाना हक, वर्तमान कब्जाधारी और यदि कोई कानूनी विवाद लंबित हो तो उसका ब्यौरा तैयार करके रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं, निर्देश दिए कि चिन्हित की गई सभी जमीनों की जियो टैगिंग करवाई जाए और उसकी डिजिटल फोटोग्राफी व दस्तावेजीकरण भी किया जाए। उन्होंने राजस्व विभाग को स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अवैध कब्जों से बचाव के लिए खाली पड़ी सरकारी जमीनों का सार्वजनिक हित में अस्थायी उपयोग आवश्यक है। इस दिशा में उन्होंने सभी एस.डी.एमज को निर्देश दिए हैं कि वे उन जमीनों पर पार्क, खेल मैदान, सार्वजनिक स्थल या सामुदायिक भवन जैसे विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर भेजें। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से जनता को लाभ मिलेगा और साथ ही जमीन पर अवैध कब्जे को भी रोका जा सकेगा।
डा. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि 31 जुलाई तक सभी एस.डी.एमज को अपने क्षेत्र की विस्तृत रिपोर्ट जमा करानी होगी। इसके बाद प्रशासन ऐसे स्थानों पर सख्त कार्रवाई शुरू करेगा जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण पाया गया। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई के बाद जहां अवैध कब्जा मिलेगा, वहां कानूनी कार्रवाई व राजस्व रिकॉर्ड में लाल एंट्री सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों की उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। उन्होंने तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व पटवारियों को भी इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए।