Edited By Subhash Kapoor,Updated: 15 Dec, 2024 04:59 PM
चाहे पंजाब सरकार और प्रशासन की तरफ से चीन डोर बेचने और इस्तेमाल करने पर सख्ती से पाबंदी लगी हो, फिर भी सीमा क्षेत्र के दीना नगर समेत कसबा दौराबला, बहिरामपुर, गालहरी, झबकरा, मराड़ा समेत छोटे-मोटे बाजारों में कुछ दुकानदार चीन डोर बेचने से बाज नहीं आ...
दीना नगर (हरजिंदर सिंह गोराया): चाहे पंजाब सरकार और प्रशासन की तरफ से चीन डोर बेचने और इस्तेमाल करने पर सख्ती से पाबंदी लगी हो, फिर भी सीमा क्षेत्र के दीना नगर समेत कसबा दौराबला, बहिरामपुर, गालहरी, झबकरा, मराड़ा समेत छोटे-मोटे बाजारों में कुछ दुकानदार चीन डोर बेचने से बाज नहीं आ रहे। सरकार हर साल इस डोर के व्यापार से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार करती है, लेकिन कुछ लोग मोटी कमाई के चक्कर में यह कारोबार धड़ल्ले से करते हैं। फिर भी हर साल इस जानलेवा डोर की बेज़बक बिक्री होती है। इसकी मुख्य वजह आम लोगों में जागरूकता की कमी और पुलिस प्रशासन की ढिलाई है।
हालांकि अब नजदीक आ रहे लोहड़ी, मकर सक्रांति और बसंत पंचमी के त्योहारों के दौरान पंजाब में पतंगबाजी के शौकिन बेकरारी से इंतजार कर रहे हैं, खासकर बच्चे और नौजवान पतंगबाजी को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से स्थानीय मांजे की जगह चीन डोर का 95 प्रतिशत इस्तेमाल हो रहा है, जिससे असल पतंगबाज परेशान हैं, वहीं हजारों कारीगर बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। इस जानलेवा डोर के शिकार होकर कई निर्दोष लोग मौत के मुँह में जा चुके हैं। फिर भी इस चीन डोर की बिक्री जारी है और इसे लेकर आम इस्तेमाल भी देखने को मिल रहा है।
इस जानलेवा डोर की बिक्री पर पूरी तरह से नियंत्रण के लिए क़ानून को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। सैकड़ों की संख्या में पशु-पक्षी भी घायल हो चुके हैं। अगर बात की जाए तो इस डोर से जहां इंसानों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं बेजुबान पशु-पक्षी भी इसके शिकार हो रहे हैं। सैकड़ों पक्षी हर साल इस डोर के शिकार होकर दर्दनाक मौत के मुँह में चले जाते हैं, लेकिन फिर भी इस व्यापार से जुड़े लोग बाज नहीं आ रहे हैं।