Punjab को Cyber Attack से बचाने की तैयारी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Edited By Kamini,Updated: 17 Jan, 2025 01:24 PM

preparations to protect punjab from cyber attack

यह महत्वपूर्ण निर्णय चंडीगढ़ स्थित मैगसीपा में प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत मंत्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई पंजाब राज्य ई-गवर्नैंस सोसाइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नैस की 19वीं बैठक में लिया गया।

पंजाब डेस्क : राज्य में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए पंजाब सरकार ने विभिन्न सरकारी एप्लीकेशन और वैबसाइटों सहित आई.टी. ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सिक्योरिटी ऑपरेशन सैंटर (एस.ओ.सी.) स्थापित करने का निर्णय लिया है।

यह महत्वपूर्ण निर्णय चंडीगढ़ स्थित मैगसीपा में प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत मंत्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई पंजाब राज्य ई-गवर्नैंस सोसाइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नैस की 19वीं बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि 42.07 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले इस एस.ओ.सी. के क्रियाशील होने से पंजाब उत्तरी भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा, जो उच्च स्तर की साइबर सुरक्षा क्षमताओं से लैस होगा। डिजिटल युग में बढ़ते और व्यापक होते साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए, राज्य में सिक्योरिटी ऑपरेशन सैंटर की स्थापना समय की जरूरत बन गई है। यह केंद्र आई.टी. ढांचे की सुरक्षा के लिए साइबर घटनाओं की रियल-टाइम मॉनिट्रिंग, पहचान और उचित कार्रवाई करने में सक्षम बनाएगा।

मंत्री अमन अरोड़ा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए बैठक की। इसमें उन्होंने नागरिक सेवाओं को और अधिक कुशलतापूर्वक प्रदान करने के उद्देश्य से प्रमुख प्रशासनिक सुधारों और रणनीतियों का जायजा लिया और चर्चा की। उन्होंने बताया कि पंजाब में 538 सेवा केंद्र हैं, जहां नागरिकों को 438 सेवाएं सुचारू और निर्बाध रूप से प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य ने नागरिक सेवाओं की लंबित शिकायतों को 27 प्रतिशत से घटाकर 0.17 प्रतिशत से भी कम कर दिया है।

उन्होंने नागरिक सेवाओं के मामलों में कम लंबित केस वाले जिलों अमृतसर, जालंधर और पठानकोट के डिप्टी कमिश्नरों की सराहना की और अन्य डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे जिला स्तर पर लंबित मामलों की नियमित निगरानी और समीक्षा सुनिश्चित करें ताकि इसमें आने वाली दिक्कतों और रुकावटों को पहचानकर उन्हें दूर किया जा सके। लंबित आवेदनों पर स्पष्ट टिप्पणियां/स्पष्टीकरण देने की महत्ता पर जोर देते हुए डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे बिना ठोस कारण के और अनावश्यक आपत्ति लगाकर आवेदन वापस भेजने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें इस संबंधी कठोर निर्देश जारी करें।

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