Edited By Kalash,Updated: 08 Jan, 2024 10:31 AM
अमृतसर : गुरु की नगरी में ठिठुरन बढ़ने का क्रम जारी है और ये निरंतर बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार कई पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ पड़ने के कारण पंजाब में अचनचेत ही ठंड बढ़ गई है। खास बात यह है कि 5-6 दिनों बाद रविवार को तीन बजे के लगभग कुछ समय के लिए सूर्य देव के दर्शन तो हुए, परंतु इसके बावजूद लोगों को ठंड से किसी भी प्रकार से कोई राहत नसीब नहीं हुई। मौसम विभाग का कहना है कि जैसे ही पहाड़ों के ऊपरी इलाकों में हिमपात होगा, वैसे ही पंजाब भर के मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप और बढे़गा।
बता दें कि पहाड़ों के ऊपरी इलाकों में जैसे ही बर्फबारी हुई है, वैसे ही उक्त नमी भरी ठंडी हवा का रूख पंजाब की ओर हुआ है। इससे पंजाब भर के जिलों में हवा में ठंडी व नमी का मात्रा में भी बढ़ौत्तरी हुई है। इससे एक तो शीत लहर का क्रम जारी है। वहीं दूसरी ओर हवा में नमी बढ़ने के लोग कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे है। हांड कंपाती ठंड के कारण कम इम्यूनिटी वाले लोग इसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहे है। इसी नमी के कारण ही लोगों को जुकाम व गला खराब होने के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे है।
सड़कों, शहरों व गांवों में कहर बरपा रही है धुंध
गांवों में तो सर्दी ने अपना पूरा कहर बरपाया हुआ है। वहीं शहर भी इससे अछूते नहीं है। गांवों में विगत कई दिनों से लगभग पूरे दिन ही धुंध छाई रहती है, जिससे गांवों में जन-जीवन काफी बुरी तरह से प्रभावित हुआ पड़ा है। अब शहरों का भी यहीं हाल हुआ पड़ा है। शहर में भी विगत कुछ दिनों से धुंध व हांड कंपाती ठंड पूरी चरम सीमा पर है। इसके कारण दुकानों में भी कामकाज ठंडा ही चल रहा है और अन्य व्यापार भी ठंड के प्रकोप से बच नहीं पाया है और प्रभावित हुआ पड़ा है। हांड कंपाती ठंड के कारण वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अमृतसर-दिल्ली हाई वे पर धुंध के कारण कई वाहनों के आपस में टकराने के कई मामले घट रहे हैं। जी.टी. रोड तथा अन्य लिंक सड़कों पर तो धुंध पूरी तरह से कहर बरपा रही है, कहना गलत नहीं होगा। धुंध के कारण सुबह ड्यूटी पर जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। दो पहिया वाहन चालक धुंध के कारण काफी आहत है।
लोग घरों में दुबकने को हुए मजबूर
विगत एक सप्ताह के लगभग पड़ी हांड कंपाती ठंड ने लोगों का तो जीना मुहाल करके रख दिया है। इसके कारण लोग अपने घरों में दूबकने को मजबूर है। अब तो हालात ऐसे बन चुके है कि वो ही लोग घरों से निकल रहे हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा जरूरी काम हो या फिर अपनी ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारी ही सड़कों पर दिख रहे हैं। जानकारी के अनुसार जिस प्रकार सं ठंड बढ़ रही है। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड लोगों को और सताएगी। बच्चे भी ठंड की वजह से घरों के बाहर खेलते हुए कम ही नज़र आ रहे है। गौरतलब है कि इन दिनों पंतगबाजी जमकर होती है, परतु वर्तमान में कहर बरपा रही हांड कंपाती ठंड तथा नमी बरी हवा के कारण इतनी पंतगबाजी नहीं हो रही, जितनी की अमूमन इन दिनों में होती थी।
लोगों ने ठंड से बचने के लिए हीटरों व गर्म कपड़ों का लिया सहारा
लोगों ने ठंड से बचने के लिए हीटरों व काफी गर्म कपडों का सहारा पूरी तरह से लिया हुआ है, परंतु फिर भी ठंड लोगों को सता रही है। कई क्षेत्रों में काफी संख्या में लोग ठंड से बचने के लिए आग सेकते नज़र आते हैं। दूसरी ओर अचनचेत ही पड़ी हांड कंपाती ठंड ने गर्म कपड़ों के व्यापार में काफी तेजी ला दी है।
कितना रहा तापमान व नमी की मात्रा
मौसम विभाग के अनुसार को शहर में रविवार को अधिकतम तापमान 11 डिग्री सैलिस्यस व न्यूनतम तापमान 6 डिग्री रहा। वहीं धुंध की प्रतिशत की बात करे तो रविवार को ये सुबह 68 प्रतिशत तथा देर शाम को ये 46 प्रतिशत आंकी गई। वहीं रविवार को नमी की मात्रा 94 प्रतिशत रही।
सर्दी से बचने के लिए हीटर व ब्लोअर के प्रयोग करने में बरतें सावधनियां
सर्दी से बचने के लिए जो लोग रूम हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ठिठुरन से राहत तो मिल जाती है, परंतु इसके ज्यादा प्रयोग से कई नुक्सान भी होते हैं। पंजाब केसरी अपने पाठकों के लिए हीटर व ब्लोअर के प्रयोग दौरान रखे जानी वाली सावधनियां लेकर आया है। दरअसल ज्यादातर हीटर में लाल-गर्म धातु की छड़ें या सिरेमिक कोर लगे होते हैं। इन छड़ों से निकलने वाली गर्म हवा काफी शुष्क होती है। यह उस जगह ऑक्सीजन को जलाने का काम करती है, जहां पर हीटर रखा होता है। ऐसे में यदि कोई सांस का मरीज है तो उसके लिए इसका अत्यधिक प्रयोग गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इसके अलावा हीटर त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं की भी वजह बन सकता है।
आंखों में संक्रमण का खतरा : कन्वेंशन हीटर, हैलोजन हीटर, ब्लोअर से निकलने वाली शुष्क हवा आंखों की नमी को सोख लेती है, जिससे आंखों में खुजली, जलन, लालिमा, इरिटेशन की समस्या होती है, जबकि हेल्थी आंख के लिए आखों में नमी होना अत्यधिक आवश्यक है।
सांस के मरीजों के लिए खतरनाक : अगर किसी को सांस से सबंधित बीमारी है तो उसे हीटर का अत्यधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि हीटर रूम की हवा को ड्राई कर देता है और इससे हानिकारक गैस भी निकलती है। इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। हीटर की शुष्क हवा की वजह से गला बार बार सूखता है और विंड पाइप में इरिटेशन, फेफड़ों में ड्राईनेस और खुजली की समस्या हो सकती है। फेफड़ों में हीटर की हवा जाने से कफ बनने की परेशानी हो सकती है।
त्वचा से संबंधित समस्याएं : रूम हीटर और ब्लोअर से निकलने वाली शुष्क हवा त्वचा के लिए भी नुक्सानदायक होती है। इसके कारण त्वचा में रूखापन, खुजली, लाला निशान पड़ जाना तथा चेहरे पर झुर्रियों की समस्या भी हो सकती है। कई बार तो रूखापन इतना बढ़ जाता है कि त्वचा पर पपड़ी पड़ने लग जाती है।
क्या हैं सावधनियां
-वैसे तो हीटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए, परंतु अगर आप हीटर खरीद रहे हैं तो ऑयल हीटर लें। ये हवा को बराबर तापमान से गर्म करता है।
-हीटर का इस्तेमाल जब भी करें तो इसके पास एक बर्तन में पानी भरकर रख दें। इससे हवा में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है और हवा में ड्राइनेस भी कम होती है।
-डबल बेड आदि को गर्म करने के लिए कंबल या रजाई के अंदर हीटर किसी भी सूरत में न रखे, वर्ना इससे आग लगने के खतरे का पूरा अंदेशा रहता है।
-रात के समय कभी हीटर चालू करके न सोएं। हीटर को केवल एक या दो घंटे के लिए चलाएं और कमरे के गर्म होने उपरांत तुरंत बंद कर दें। हीटर को बंद करके ही सोएं।
-सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों को हीटर इस्तेमाल करते समय ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे नमी बरकरार रहती है।
-हीटर के बहुत नजदीक न बैठें और इस्तेमाल करने से पहले अपनी त्वचा पर कोई मॉइश्चराइज क्रीम लगाएं।
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