Edited By Kalash,Updated: 29 Mar, 2025 03:24 PM

विवादित पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ मोहाली और चंडीगढ़ की दो महिलाओं समेत 4 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
चंडीगढ़ (रमेश हांडा): विवादित पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ मोहाली और चंडीगढ़ की दो महिलाओं समेत 4 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। रणजीत कौर, रुपिंद्र कौर, अशोक कुमार और हरिंद्र सिंह ने जान और स्वतंत्रता की सुरक्षा की मांग की है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि प्रभावशाली पादरी बजिंदर सिंह ने उनके साथ मारपीट और जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दी हैं, क्योंकि वह पादरी की करतूतें उजागर कर रहे हैं। याचिका के मुताबिक, याचिकाकर्ता पहले बजिंदर सिंह के साथ काम करते थे। जब पता चला कि धर्म के नाम पर ठग रहा है और शोषण कर रहा है, तो विरोध किया और किनारा कर लिया।
इसके बाद, उन पर दबाव बनाया जाने लगा और जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। मामला 13 और 14 फरवरी, 2025 की रात का है, जब कार्यक्रम के बाद बजिंदर सिंह ने रणजीत कौर को थप्पड़ मारा और गला घोंटने की कोशिश की। घटना सी.सी.टी.वी. में रिकॉर्ड हो गई और बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 18 फरवरी को याचिकाकर्ताओं ने इस्तीफा देने के बाद बजिंदर सिंह को कानूनी नोटिस भेजा। इसके बाद लगातार धमकियां मिलने लगीं कि मामले को आगे बढ़ाते हैं, तो झूठे केस में फंसाया जाएगा। 25 फरवरी को मोहाली के एस. एस.पी. को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस को ई-मेल के जरिए भी शिकायत भेजी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
वीडियो वायरल होने और जनता के दबाव के बाद 25 मार्च को थाना ब्लॉक मजारी, एस.ए.एस. नगर, मोहाली में एफ. आई.आर. दर्ज की गई। गैर-जमानती अपराध दर्ज होने के बावजूद बजिंदर सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और मामले की जांच मोहाली से बाहर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या विशेष जांच दल को सौंपी जाए। याचिका में यह भी कहा कि बजिंदर सिंह पर पहले से ही दुष्कर्म और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों के मामले दर्ज हैं, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 26 मार्च को बजिंदर सिंह के समर्थकों ने मोहाली एस.एस.पी. कार्यालय का घेराव किया, जिसे याचिकाकर्ताओं ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश बताया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पंजाब सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी पाया कि याचिका में संबंधित थानों के अधिकारियों को पक्षकार नहीं बनाया गया है, जिसके चलते याचिकाकर्ताओं को इस त्रुटि को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने मोहाली पुलिस को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर विचार करें और आवश्यक कार्रवाई करें। मामले की अगली सुनवाई अब 9 अप्रैल को होगी।
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