Edited By Vatika,Updated: 12 Feb, 2024 02:53 PM
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बच्चों की ये आदत उन्हें हिंदी या पंजाबी जैसे सब्जेक्ट में माक्र्स कम कर सकती है।
चंडीगढ़: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) की परीक्षाओं की जैसे-जैसे उल्टी गिनती शुरू हो रही है छात्रों और अभिभावकों में टैंशन बढ़ती जा रही है। कई बच्चे ऐसे समय में परीक्षा की तैयारी को लेकर तनाव में आ जाते हैं और पढ़ी हुई चीज भी भूल जाते हैं। सब्जेक्ट विशेषज्ञ बता रहे हैं कि समय प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना, पिछली मॉक परीक्षाओं के साथ अभ्यास करना और महत्वपूर्ण परीक्षा लेखन युक्तियों को शामिल करने के साथ अच्छे नंबर आ सकते हैं। सब्जेक्ट एक्पसर्ट्स के पास छात्रों की सबसे बड़ी कमजोरी ये सामने आ रही हैं कि बच्चे लिखते हुए मात्राएं और बिंदी का इस्तेमाल या तो कर रही नहीं रहे हैं या गलत कर रहे हैं। बच्चों की ये आदत उन्हें हिंदी या पंजाबी जैसे सब्जेक्ट में माक्र्स कम कर सकती है।
लिटरेचर पर करें फोकस : नीरज शर्मा
सैक्टर-1B स्थित पीएम श्री गवर्न मैट गर्ल्स सीनियर सैकेंडरी स्कूल में अंग्रेजी की लैक्चरर नीरज शर्मा का कहना हैकि परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए अंग्रेजी भाषा में स्कोर करना मुश्किल नहीं है। बस कुछ बातों का ध्यान रखना है। अंग्रेजी के पेपर में लिटरेचर सेक्शन, रीडिंग, राइटिंग और ग्रामर सैक्शन शामिल है। लिटरेचर सैक्शन स्कोर करने के लिए सबसे अच्छा होता है, इसमें अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों से तैयारी करें।
लिखने की कला में सुधार आवश्यक : परविदरजीत
सैक्टर-35 स्थित गवर्नमेंट माडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पंजाबी की लैक्चरार परविंदर जीत कौर का कहना है कि बच्चे अकसर भापा विषयों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैलेकिन बच्चों को रीडिंग के साथ-साथ लिखने की कला को भी समय रहते निखारना होगा। बच्चों को याद करने की बजाए लिखते समय मात्राएं और बिंदी का ध्यान रखना होगा। अक्सर देखा गया है कि भाषा में बच्चो ने मात्रा का प्रयोग गलत कर देते है जिसका कारण उनका स्कोर कम होता है।
परीक्षा लेखन तकनीकों का अभ्यास करें: शाम चावला
केन्द्रीय विद्यालय संगठन की सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त शाम चावला ने बताया कि परीक्षा लेखन तकनीकों का अभ्यास करें, जिसमें स्पष्ट लिखावट, प्रत्येक अनुभाग के लिए समय आवंटन और संक्षिप्त लेकिन व्यापक उत्तर शामिल हैं। अभिभावकों के लिए बच्चे को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर उसके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। जंक फूड से बचें, यह सुनिश्चित करते हुएकि पूरी परीक्षा अवधि के दौरान उनमें ऊर्जा का स्तर और मानसिक सतर्कता बनी रहे।