Edited By Kalash,Updated: 03 Mar, 2025 02:53 PM
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पी.जी.आई. ऐसा ऐप बनाने जा रहा है, जो क्रोनिक (पुराने) लोअर बैंक दर्द के मरीजों के मददगार साबित होगा।
चंडीगढ़ : पी.जी.आई. ऐसा ऐप बनाने जा रहा है, जो क्रोनिक (पुराने) लोअर बैंक दर्द के मरीजों के मददगार साबित होगा। यह पहला ऐप होगा, जिसमें कमर दर्द के मरीजों को सारी जानकारी एकसाथ मिल सकेगी। पी. जी. आई. एनेस्थीसिया विभाग की प्रो. व पेन क्लीनिक की इंचार्ज डॉ. बबीता घई की देखरेख में पीएच.डी. छात्र यह ऐप तैयार कर रहा है। पी.जी.आई. प्रबंधन से प्रोजैक्ट को मंजूरी मिल चुकी है और डिवैल्पमैंट स्टेज पर काम चल रहा है। ऑर्थोपीडिशयन, साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन और पेन क्लीनिक के विशेषज्ञों का सहयोग रहेगा। इंटरनल मैडिसन, रूमेटोलॉजी विभाग समेत इंटरनैशनल लेवल पर कई एक्सपर्ट्स को भी शामिल किया गया है।
शुरूआती स्टेज पर ऐप पी.जी. आई. में आने वाले मरीजों के लिए रहेगा, जो एनड्रॉयड पर उपलब्ध रहेगी। पी.जी. आई. में आने वाले मरीजों को ऐप को लेकर लिंक दिया जाएगा। ऐप में 30-30 सैकेंड के वीडियो रहेंगे, जिसमें बताया गया होगा कि दर्द को किस तरह मैनेज किया जाए। कौन सी एक्सरसाइज, किस तरह सही बैठना और क्या नहीं करना है। इस तरह की तमाम जानकारी मौजूद होगी। यह अपनी तरह का पहला ऐसा ऐप होगा, जो सिर्फ कमर दर्द के मरीजों के लिए बनाया जाएगा। डॉ. घई की मानें तो मरीजों को अपनी बीमारी को लेकर जागरूक होना बहुत जरूरी है। ऐसे में ऐप की मदद से उन तक यह पहुंचाई जाएगी।
कमर दर्द से हो जाता है तनाव
52 से 60 प्रतिशत मामलों में कमर दर्द की वजह से नींद की परेशानी हो जाती है। साथ ही हल्का तनाव भी पाया गया है, जिसके लिए साइकोलॉजिकल मदद बहुत जरूरी हो जाती है। तनाव कम करना बेहद जरूरी है, जिसके लिए ऐप में साइकोलॉजिस्ट को भी रखा गया है। इंटरनैशनल लेवल समेत पी.जी.आई. के 20 एक्सपर्ट्स की मंजूरी के बाद एक्सरसाइज को शामिल किया गया है।
अब क्लीनिक में युवा मरीज ज्यादा
डॉक्टर की मानें तो पहले कमर दर्द को सिर्फ खास उम्र के साथ जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब 5 साल और कोविड के बाद युवा ज्यादा आ रहे हैं। इनमें 20 से 30 साल उम्र के मरीज भी होते हैं, जिनमें आधे से ज्यादा आई.टी. फील्ड में काम करते हैं। लगातार घंटों तक बैठे रहना वह भी गलत पोश्चर में, साथ ही मोवाइल का इस्तेमाल जिस पोश्चर में करते हैं वह भी दर्द का बड़ा कारण बनता है।
लगातार बैठना सही नहीं है। आपके शरीर को एक्टिविटी चाहिए। हर बुधवार और शनिवार को पेन क्लीनिक होता है, जहां सिर्फ रैफरल केस ही देखे जाते हैं। दूसरे विभागों से क्लीनिक में रैफर किया जाता है। हर क्लीनिक में 60 से 70 मरीज रहते हैं, जिसमें सिर, चेहरे, घुटनों, पुराने एंकल (टखना) और नसों से संबंधित के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द के मरीज होते हैं। इनमें 70 से 75 प्रतिशत लोअर बैंक यानी कमर के निचले हिस्से में दर्द के मरीज हैं, जिन्हें कई साल से समस्या है। मरीजों की संख्या इतनी होती है कि हर मरीज को डॉस्टर कई बार ज्यादा वक्त नहीं दे पाते हैं। ऐसे में मरीजों को और ज्यादा राहत देने के लिए पी.जी.आई ऐप बनाने जा रहा है।
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