Edited By VANSH Sharma,Updated: 24 Oct, 2025 05:37 PM

1 नवंबर से देश में कई नए नियम और बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जो सीधे आम लोगों की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करेंगे।
पंजाब डेस्क: 1 नवंबर से देश में कई नए नियम और बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जो सीधे आम लोगों की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों का असर घरेलू और वाणिज्यिक गैस सिलेंडरों की कीमतों से लेकर म्यूचुअल फंड निवेश, क्रेडिट कार्ड शुल्क, टेलीकॉम सेवाओं और अन्य वित्तीय सेवाओं तक महसूस होगा। नए नियमों के तहत कुछ खर्च बढ़ सकते हैं, जबकि कुछ में लोगों को राहत भी मिल सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि 1 नवंबर से आम लोगों के लिए कौन-कौन से महत्वपूर्ण बदलाव आने वाले हैं।
नए नियमों के अनुसार, 1 नवंबर से घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कमी हो सकती है, जबकि व्यावसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। इसके अलावा, सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में भी बदलाव हो सकता है, जो सीधे उपभोक्ताओं पर असर डालेगा।
SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड शुल्क में भी बदलाव किए हैं। अब अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड पर 3.75% शुल्क लागू होगा। इसके अलावा, थर्ड-पार्टी ऐप्स जैसे क्रेडिट, चेक, मोबिक्विक से स्कूल या कॉलेज की फीस का भुगतान करने पर 1% शुल्क लगेगा। लेकिन अगर भुगतान स्कूल या कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट या वहां के POS से किया जाए, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा। 1,000 रुपये से अधिक वॉलेट लोड पर भी 1% शुल्क लागू होगा, और कार्ड से चेक भुगतान करने पर 200 रुपये का शुल्क लगेगा।
इसके अलावा, SEBI ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए नया नियम बनाया है। अब यदि कोई नामित व्यक्ति या उसका रिश्तेदार 15 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन करता है, तो AMC को इसकी सूचना अपने अनुपालन अधिकारी को देनी होगी। इसका उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाना है। टेलीकॉम कंपनियां भी 1 नवंबर से स्पैम कॉल और संदेशों के खिलाफ सख्त कदम उठाएँगी। सभी स्पैम नंबर ब्लॉक किए जाएंगे।
बैंकों में भी नए नियम लागू होंगे। नवंबर 2025 में बैंक कुल 13 दिन बंद रहेंगे। अब जमा खातों में अधिकतम 4 नामित व्यक्ति रखे जा सकते हैं, और सभी नामित व्यक्तियों का कुल हिस्सा 100% होना आवश्यक होगा।
ये सभी बदलाव 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। इसलिए उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थानों को इन बदलावों के लिए समय रहते तैयार रहना चाहिए। इन नियमों से आम लोगों की वित्तीय और दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा। कुछ खर्च बढ़ेंगे, जबकि कुछ में राहत मिलेगी। इसलिए समय रहते इन नियमों को समझकर अपनी योजना और खर्च समायोजित करना जरूरी है।
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