Edited By Urmila,Updated: 30 Sep, 2023 01:41 PM

वैसे तो इस समय जालंधर शहर टूटी सड़कों, साफ-सफाई तथा कूड़े की गंभीर समस्या से जूझ रहा है।
जालंधर: वैसे तो इस समय जालंधर शहर टूटी सड़कों, साफ-सफाई तथा कूड़े की गंभीर समस्या से जूझ रहा है परंतु इसी के साथ-साथ प्रदूषण, पर्यावरण असंतुलन और प्लास्टिक की समस्या ने भी लाखों लोगों को परेशान कर रखा है। लापरवाही के चलते ये समस्याएं पिछले कुछ समय से निरंतर बढ़ रही हैं और निगम इन्हें लेकर कोई कार्ययोजना तक नहीं बना पाया, उससे साफ लग रहा है कि जालंधर निगम को लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता ही नहीं है। जालंधर निगम पिछले कई सालों से गलियों नालियों में ही फंसा हुआ है।
प्रदूषण की बात करें तो आज जालंधर की ज्यादातर सड़कों पर मिट्टी पड़ी है जो पाइपें डालने के काम के दौरान निकली और वही मिट्टी वाहनों के चलने से उड़कर पूरे वातावरण को गंदा कर रही है। पर्यावरण की ओर भी निगम का कोई ध्यान नहीं है और न ही ग्रीनरी को बढ़ाया जा रहा है। प्लास्टिक की बात करें तो करीब 7 साल पहले इस पर राज्य सरकार ने ही प्रतिबंध लगा रखा है परंतु आज शहर के हजारों दुकानदारों के पास प्लास्टिक के लिफाफे आम देखे जा सकते हैं और इन्हें बेधड़क प्रयोग में लाया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग की बात करें तो उस द्वारा जालंधर निगम को कई बार नोटिस जारी किए गए और कूड़े की समस्या से निपटने के उपायों बारे निर्देश दिए गए परंतु जालंधर निगम पर किसी विभाग द्वारा लिखे पत्रों का कोई असर नहीं हो रहा।
हलवाई, बेकरी वालों और ढाबों की चैकिंग भी नहीं की जा रही
निगम अधिकारियों को लोगों के स्वास्थ्य की कितनी फिक्र है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि त्यौहारी सीजन शुरू होने के बावजूद गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों के चालान नहीं काटे जा रहे। गौरतलब है कि कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने संयुक्त रूप से टीमें बनाकर ढाबे वालों, बेकरी वालों और हलवाईयों के चालान काटने का सिलसिला शुरू किया था, जहां उन्हें गंदगी दिखाई देती थी या प्लास्टिक के लिफाफे प्रयोग किए जा रहे थे। इस बार त्यौहारी सीजन में घटिया तथा मिलावटी मिठाइयां व अन्य चीजें खूब बिक रही हैं। कई दुकानदारों को साफ-सफाई तक की परवाह नहीं है। कई रेहडियों पर भी गंदगी परोसी जा रही है।
सोढल मेले को प्लास्टिक फ्री नहीं कर पाया निगम
उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध बाबा सोढल मेला आज औपचारिक रूप से संपन्न हो गया जिस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने अपनी हाजिरी लगवाई। मेले दौरान जालंधर निगम के सैनिटेशन विभाग ने अपनी ओर से ऐसे प्रबंध किए थे कि मेले को प्लास्टिक फ्री रखा जाए पर इसमें जालंधर निगम ज्यादा सफल नहीं रह सका। सेनिटेशन विभाग के प्रयासों के बावजूद मेला क्षेत्र में प्लास्टिक के लिफाफों तथा डिस्पोजेबल क्रॉकरी का खूब इस्तेमाल हुआ। कुछेक संस्थाओं ने ही पत्तल और स्टील क्रॉकरी का इस्तेमाल किया । वैसे साफ-सफाई के मामले में निगम ने अपनी जिम्मेदारी बाखूबी निभाई।
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