Punjab विधानसभा सत्र में गरजे मंत्री तरुणप्रीत सोंद, आंकड़े पेश कर बोले...

Edited By Kamini,Updated: 05 May, 2025 02:24 PM

minister tarunpreet sond roared in the punjab assembly session

पंजाब-हरियाणा में भाखड़ा नहर के पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच आज पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया गया।

पंजाब डेस्क : पंजाब-हरियाणा में भाखड़ा नहर के पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच आज पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया गया। आज के इस विधानसभा सत्र में मंत्री तरुणपीत सिंह सोंद ने केंद्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच हुए समझौतों को लेकर कई आंकड़े पेश किए हैं। मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि हम पंजाबियों को यह नहीं पता था कि जिस देश की आजादी के लिए हमने लड़ाई लड़ी, उसके साथ इतना बड़ा विश्वासघात होगा। जिस दिन भारत आजाद हुआ उसी दिन से भाजपा ने सभी समझौते रद्द कर दिए।

मंत्री ने इस दौरान कहा कि खुद को पानी का संरक्षक कहने वालों ने पंजाब का सारा पानी लूट लिया है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि, जब हमारा देश आजाद नहीं था, तब बीकानेर फीडर पंजाब से होकर गुजरता था। देश के आजाद होने के बाद पंजाब का पानी मुफ्त कर दिया गया। वर्ष 1950 में पंजाब में कांग्रेस सरकार के दौरान गुलजारी लाल नंदा ने नदियों के लिए 2 परियोजनाओं पर काम किया। उस समय 12 किलोमीटर लंबी सुरंग काटकर पंजाब के पानी से धोखा किया गया था। पहले रावी का पानी ब्यास नदी में डाला गया और फिर सतलुज का पानी रावी में डाला गया। नंगल बांध भाखड़ा बांध से 13 किलोमीटर नीचे बनाया गया था। नंगल से 2 नहरें तथा हरि-के-पतन से 2 नहरें निकाली गई हैं। मंत्री ने गर्जते हुए कहा कि पंजाब के पास इन्होंने छोड़ा ही क्या है।  

तरुणप्रीत सिंह सोंद ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 100 प्रतिशत पानी में से मात्र 24.58 प्रतिशत पानी ही मिल रहा है। 50.9 प्रतिशत पानी राजस्थान को जा रहा है। 20.38 प्रतिशत पानी हरियाणा को जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा पानी भी जम्मू-कश्मीर में बह रहा है। जम्मू-कश्मीर को 3.80 प्रतिशत पानी मिल रहा है, जबकि दिल्ली को 1.16 प्रतिशत पानी मिल रहा है। यदि सभी नदियों का पानी एकत्र कर लिया जाए तो भी पंजाब में पानी की कमी रहेगी। पंजाब जमीन से पानी निकालने के लिए 8,000 करोड़ रुपये की वार्षिक कृषि सब्सिडी भी दे रहा है और विदेशी हमारे पंजाब से मुफ्त में पानी ले जा रहे हैं। पंजाब के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इससे बिजली के साथ-साथ कोयले की भी हानि हो रही है। उनकी पार्टियों ने 10 साल तक शासन किया, तब वे कहां थे? आज   कहते हैं कि पानी की एक बूंद नहीं देनी, तब पानी क्यों नहीं बचा सके? उन्होंने आगे कहा कि,1955 में बीकानेर नहर का निर्माण किया गया, जिसके बाद दूसरी नहर, इंदिरा गांधी नहर (जैसलमेर नहर) का निर्माण किया गया। अकेले राजस्थान 2 नहरों के माध्यम से हमारे पंजाब से 7.6 मिलियन एकड़ फीट (760,000 मिलियन एकड़ फीट) पानी ले रहा है, जो हमारे पंजाब को तोड़ रही हैं तथा किसी भी तरह से संरक्षित नहीं की जा रही हैं।  

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