Edited By Urmila,Updated: 07 May, 2024 12:13 PM
लोकसभा चुनाव के दौरान जहां कई जगह एक ही परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।
लुधियाना (हितेश) : लोकसभा चुनाव के दौरान जहां कई जगह एक ही परिवार के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। वहीं, पार्टियां बदलने की वजह से एक ही परिवार के सदस्य अलग अलग पार्टियों में भी पहुंच गए हैं। यह नजारा लुधियाना में भी देखने को मिल रहा है, जिसके तहत मौजूदा एम.पी. रवनीत बिट्टू भाजपा में शामिल हो गए हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के परिवार के बाकी सदस्य पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह, गुरकंवल कौर, गुरकीरत कोटली अभी कांग्रेस में ही हैं लेकिन इसके बिल्कुल उलट भाई-बहन का रिश्ता सियासत पर भारी पड़ रहा है।
यहां बताना उचित होगा कि बिट्टू की बहन मानसा के अधीन आते सरदूलगढ़ से पूर्व विधायक अजीत इंद्र सिंह मोफर के घर बहू बनकर गई हुई है, जिसके पति विक्रम मोफर पिछली बार सरदूलगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और मौजूदा समय के दौरान मानसा के कांग्रेस प्रधान हैं लेकिन मोफर की पत्नी लुधियाना में पहुंचकर भाजपा के उम्मीदवार बन चुके अपने भाई बिट्टू के लिए वोट मांग रही है। जबकि उसके पति व ससुर पहले बठिंडा से खुद कांग्रेस की टिकट मांग रहे थे और पार्टी के उम्मीदवार जीत मोहिंदर सिद्धू के लिए प्रचार कर रहे हैं।
बठिंडा में अकाली दल के साथ गुप्त समझौते के लगते आ रहे हैं आरोप
बिट्टू की सरदूलगढ़ में रिश्तेदारी का जिक्र अक्सर सियासी बयानबाजी के दौरान भी सुनने को मिलता है। इसमें दो बार लुधियाना से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे बिट्टू को जिताने के बदले में मोफर परिवार द्वारा बठिंडा में अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत बादल की मदद करने का आरोप लगाया जाता है। यह मुद्दा पहले आम आदमी पार्टी व भाजपा उठाया जाता था और अब बिट्टू के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के नेता भी इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
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