Edited By VANSH Sharma,Updated: 21 Oct, 2025 09:25 PM

श्री दरबार साहिब में मंगलवार को बंदी छोड़ दिवस बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।
अमृतसर: श्री दरबार साहिब में मंगलवार को बंदी छोड़ दिवस बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस खास दिन पर सुबह से ही देश और विदेश से करीब 3 लाख श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे। सभी ने गुरु हरगोबिंद साहिब जी की याद में मत्था टेका और अरदास की। पूरे दिन मंदिर में गुरु की बाणी का कीर्तन चलता रहा, जिससे पूरा माहौल भक्ति से भर गया।
शाम होते-होते श्री दरबार साहिब का नजारा और भी खूबसूरत लगने लगा। श्री दरबार साहिब को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। पवित्र सरोवर के चारों ओर करीब 1 लाख घी के दीये जलाए गए, जो पानी में झिलमिलाते हुए अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे। श्रद्धालुओं ने दीये जलाकर गुरु साहिब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
इसके अलावा, हजारों मोमबत्तियां भी जलाकर परिसर को रोशन किया गया। रात में भव्य ग्रीन आतिशबाजी हुई, जिसने आकाश को रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा दिया। इस बार आतिशबाजी पर्यावरण का ध्यान रखते हुए प्रदूषण-रहित रखी गई।
गोल्डन टेंपल के हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि बंदी छोड़ दिवस सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं है, यह आज़ादी और न्याय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर किले में कैद 52 राजाओं को आज़ाद कराया था। जब वे अमृतसर लौटे, तो संगतों ने दीप जलाकर और आतिशबाजी कर खुशी मनाई। तब से यह दिन हर साल श्रद्धा और खुशी के साथ मनाया जाता है।
बंदी छोड़ दिवस के दिन लंगर सेवा लगातार चलती रही। पूरा अमृतसर शहर गुरु साहिब की सीख और त्याग की भावना से भरा दिखाई दिया।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here