Edited By Tania pathak,Updated: 19 May, 2021 01:56 PM

कोरोना वायरस की बात करें तो इस समय पूरे देश में संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि इस राहत भरी खबर के साथ-साथ बढ़ रहे मौतों के आंकड़ों ने इसमें खलल का काम किया है।
जालंधर: कोरोना वायरस की बात करें तो इस समय पूरे देश में संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि इस राहत भरी खबर के साथ-साथ बढ़ रहे मौतों के आंकड़ों ने इसमें खलल का काम किया है। इसका सीधा असर सबसे अधिक पंजाब पर पड़ रहा है। आपको बता दें कि पंजाब में पहले से ही मृत्यु दर बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। लेकिन अब ये भी कयास लगाए जा रहे है कि पंजाब में अगले दो हफ्ते बेहद अहम हो सकते है। अगले दो हफ्तों में मौतों के आंकड़ों में भारी इजाफा देखा जा सकता है।
अगर आंकड़ों को देखें तो पंजाब में पिछले सात दिनों (11-17 मई) में 1,382 मौतें और 53,812 मामले दर्ज किए। राज्य की मृत्यु दर अभी भी देश में सबसे अधिक है, जिसकी औसत दर 1.1 प्रतिशत है। पंजाब इकलौता राज्य है जहां 2 फीसदी से ज्यादा की दर है। इसके बाद सिक्किम (1.8), उत्तराखंड (1.7), दिल्ली और गोवा (1.6) और महाराष्ट्र और मणिपुर (1.5) का आते है।
पंजाब में बढ़ रहे मौतों के आंकड़ों ने हालात बेहद डरावने बना दिए है। अगर पंजाब में मौतों के बारे में देखे तो रोजाना 200 से अधिक लोगों के दम तोड़ने की पुष्टि हो रही है। बीते दिन अगर सिर्फ बठिंडा की बात करें तो एक ही दिन में कुल 34 लोगों की मौत हो गई। मामलों के कम होने के बावजूद मौतों के आंकड़े बढ़ने के अगर ऐसे ही हालात रहे तो कोरोना वायरस का ये संकट और अधिक गहरा सकता है।
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