Jalandhar: स्मार्ट सिटी बना Dark City, नगर निगम की राडार पर LED स्ट्रीट लाइटें लगाने वाली कंपनी!

Edited By Urmila,Updated: 20 Aug, 2024 10:45 AM

jalandhar smart city becomes dark city

स्मार्ट सिटी कंपनी ने 58 करोड़ रुपए खर्च करके शहर में 72 हजार से ज्यादा नई एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें लगवाई थीं ।

जालंधर : स्मार्ट सिटी कंपनी ने 58 करोड़ रुपए खर्च करके शहर में 72 हजार से ज्यादा नई एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें लगवाई थीं परंतु जालंधर नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की लापरवाही और नालायकी के चलते यह प्रोजैक्ट गड़बड़ी का शिकार हो गया। आज हालात यह है कि शहर में नई लगी हजारों स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं जिन्हें मेंटेन नहीं किया जा रहा। कंपनी को स्मार्ट सिटी द्वारा मेंटेनेंस के मामले में भुगतान नहीं किया जा रहा और उस एवज में कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही जिस कारण कंपनी स्टाफ ने हड़ताल कर रखी है।

अब नगर निगम कंपनी को नोटिस जारी करके ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। नगर निगम का प्लान यह है कि कंपनी ने मेंटेनेंस हेतु जो स्टाफ रखा हुआ था उसे नगर निगम अपने स्तर पर भर्ती कर ले ताकि स्ट्रीट लाइटों को मेंटेन किया जा सके। वहीं दकोहा से तल्हन को जाते रोड पर भी लाइटें बंद होने से राहगीर परेशान हैं। इस बाबत चंडीगढ़ में बातचीत चलाई जा रही है और साथ ही साथ नई एल.ई.डी लाइटें लगाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला भी अदालतों की शरण में या आर्बिट्रेशन में जा सकता है।

स्ट्रीट लाइट प्रोजैक्ट दौरान सामने आ चुकी है यह गड़बड़ी

- दिल्ली की एच.पी.एल कंपनी को स्ट्रीट लाइटें लगाने हेतु 43.83 करोड़ का टेंडर अलाट किया गया परंतु उसे मनमर्जी से बढ़ाकर 57.92 करोड़ तक पहुंचा दिया गया। यह राशि 25 प्रतिशत बढ़ोतरी से भी अधिक हो गई जिसकी किसी से अनुमति नहीं ली गई। काम खत्म होने के बाद कंपनी ने 5 साल तक ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस करनी थी जिसकी एवज में उसे 13.14 करोड़ का भुगतान होना था। कंपनी का काम अभी तक पूरा खत्म नहीं हुआ परंतु स्मार्ट सिटी द्वारा कंपनी को ऑपरेशन एंड मेंटिनेस चार्ज अदा किए जा रहे हैं। फरवरी 2024 तक कंपनी को इस हेतु 2.56 करोड़ दिए गए जो सरासर गड़बड़ी है।

- एल.ई.डी. प्रोजैक्ट पर काम 31 मार्च 2022 को खत्म होना था परंतु काम अभी तक समाप्त नहीं हुआ। शर्त के मुताबिक कंपनी पर 7.5 प्रतिशत के हिसाब से 4 करोड़ 34 लाख की पेनल्टी लगनी थी जो स्मार्ट सिटी द्वारा नहीं लगाई गई।

- स्मार्ट सिटी कंपनी ने ठेकेदार कंपनी को 5.54 करोड़ रूपए की ज्यादा पेमेंट कर दी। ठेकेदार कंपनी ने 1.04 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी देनी थी। ठेकेदार कंपनी को अतिरिक्त पेमैंट हो जाने संबंधी पता चलने पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया और ज्यादातर राशि ठेकेदार कंपनी ने अभी तक स्मार्ट सिटी को वापस नहीं दी है।

- शहर में 30 हजार के करीब ज्यादा लाइटें लगा दीं गईं परंतु उनकी चंडीगढ़ में बैठी स्टेट लैवल कमेटी से मंजूरी ही नहीं ली गई ।

- काफी समय तक सिस्टम को पूरे तरीके से ‘अर्थ ‘ नहीं किया गया जबकि यह कांट्रैक्ट में शामिल था।

- पुरानी स्ट्रीट लाइटों को ऐसे ठेकेदार के हवाले कर दिया गया जिसके पास टैंडर ही नहीं था ।

- 12 गांवों में कम वाट की लाइटें लगाकर टैंडर की शर्तों का सीधा सीधा उल्लंघन किया गया।

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