कनाडा कालेजों में भारतीय छात्रों के डूबे करोड़ों- Travel agents की हुई चांदी

Edited By Sunita sarangal,Updated: 21 Jan, 2021 04:38 PM

indian students in canada colleges

ऑनलाइन स्टडी के नाम पर ट्रैवल एजैंटों ने कमाए करोड़ों

जालंधर(सुधीर): कोरोनाकाल दौरान पंजाब के ट्रैवल कारोबारियों ने पढ़ाई के तौर पर कनाडा भेजने के नाम पर प्राइवेट कॉलेजों में भारतीय छात्रों के करोडों रुपए डुबो दिए। इतना ही नहीं प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला दिलवाने के नाम पर छात्रों से एडवांस में लाखों रुपए की फीस ले ली गई पर फीस अदा करने के बाद न तो छात्रों का कनाडा का वीजा लगा और न ही छात्र किसी तरह कनाडा में पहुंच सके, जबकि कनाडा के कुछ प्राइवेट कॉलेजों में फीस जमा करवाने के नाम पर भारतीय छात्रों के परिजनों की खून-पसीने की लाखों करोडों रुपए की कमाई डूब गई।

छात्रों के प्राइवेट कॉलेजों में करोड़ों रुपए डूबने के बाद कॉलेजों से पंजाब के ट्रैवल एजैंटों ने भी करोड़ों रुपए कमीशन डकार ली। आम तौर पर देखा जाता है कि पढ़ाई के तौर पर कनाडा जाने का भारतीय छात्रों में काफी क्रेज है, जिसके चलते पंजाब से भारी तादाद में हर वर्ष कनाडा पढ़ने के लिए भारतीय छात्र आवेदन करते हैं। पंजाब के ट्रैवल कारोबारियों द्वारा छात्रों को विदेश भेजने के नाम पर करोड़ों रुपए कमाई करने के चलते पंजाब के विभिन्न शहरों व अन्य राज्यों में एजूकेशन सैमीनार करवाए जाते हैं, जिनमें छात्रों के पढाई के बाद पी.आर. होने के चलते कई प्रकार की जानकारियां उन्हें दी जाती हैं। इसके अलावा 2020 में कोरोनाकाल दौरान जहां पूरे विश्व में ही लॉकडाऊन लग गया व लोगों के कारोबार तक ठप्प हो गए और लोगों को रोजी रोटी कमानी व घर का गुजारा चलाना तक मुशकिल हो गया। विदेश के सभी कॉलेज व यूनिवर्सिटीज बंद होने के चलते अरबों रुपए का कारोबार करने वाली ट्रैवल इंडस्ट्री भी मंदी का शिकार हो गई। 

कई ट्रैवल कारोबारियों ने ऑनलाइन एजूकेशन के नाम पर पंजाब के कई छात्रों की लाखों करोडों रुपए की फीस ही प्राइवेट कालेजों में फंसा दी। अब अगला इंटेक अप्लाई करने के लिए कनाडा के आवेदन पत्र के साथ छात्रों को फिर से लाखों रुपए फीस अदा करनी होगी। इस दौरान ऑनलाइन एजूकेशन के नाम पर पहले से ही लाखों करोडों रुपए फीस अदा कर चुके छात्र अब और पैसे देने से गुरेज करने लगे हैं जिस कारण पंजाब के कथित ट्रैवल कारोबारियों के हाथ चढ़कर पहले ही प्राइवेट कॉलेजों में अपने परिजनों की मेहनत की कमाई फंसते देख उनका भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।

सूत्रों के मुताबिक कई गरीब वर्ग के परिवारों ने अपने बच्चों को विदेश भेजने के नाम पर एजुकेशन लोन ले रखे थे जबकि कईयों ने अपनी जमीनें गिरवी रख कर बच्चों की फीस अदा की थी। उन्हें अंदाजा था कि उनके बच्चे की 1 साल की फीस अदा करने के बाद बच्चा कनाडा पहुंच कर पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम काम करके अगले साल की फीस व अपने खान-पान का खर्चा भी निकाल लेगा और फिर लोन की किस्तें अदा करवाने में अपने परिजनों की सहायता करेगा पर कोरोनाकाल के दौरान सबकुछ उल्टा हु्आ, जिस कारण कई परिजनों के सपनों पर पानी फिर गया।

कनाडा के 2 स्टैप वीजा के नाम प्राइवेट कॉलेजों से सांठगांठ करके कई ट्रैवल एजैंटों ने की मोटी कमाई
कोरोनाकाल के दौरान कनाडा सरकार ने कुछ समय के लिए वीजा नियमों में बदलाव करते हुए 2 स्टैप वीजा नियमों की शुरूआत की, जिसका पंजाब के ट्रैवल कारोबारियों ने खूब फायदा उठाया जिसके चलते उन्होंने पंजाब व अन्य राज्यों के छात्रों के करोडों रुपए कनाडा के कॉलेजों में फंसा कर खुद मोटी कमाई की है। बताया जा रहा है 2 स्टैप वीजा नियमों के अनुसार सबसे पहले छात्रों को ऑनलाइन अपना आवेदन पत्र अप्लाई करना होता था, जिसके बाद दूतावास द्वारा छात्रों के दस्तावेजों की जांच करने के बाद ऑनलाइन अप्रूवल (ए.आई.पी.) दी जाती थी। ए.आई.पी. आने के साथ ही ट्रैवल कारोबारियों द्वारा विदेशी कालेजों व यूनिवर्सिटीज में छात्रों के दाखिले लेने के बाद ही उन्हें ऑनलाइन क्लास लगाने की अनुमति दी जाती थी, जिसके चलते कई छात्रों ने तो पहले ही कई ट्रैवल कारोबारियों के झांसे में आकर लाखों करोड़ों रुपए अपनी फीस एडवांस में जमा करवा दी। 

पहले स्टैप में ए.आई.पी. व दूसरे स्टैप में छात्रों के फिंगर प्रिंटज व मैडीकल व अन्य दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद दूतावास खुलने पर पासपोर्ट पर वीजा लगने के नियम लागू किए थे। पर इतना समय होने के बाद भी बताया जा रहा है कि दूतावास में भारी तादाद में भारतीय छात्रों के आवेदन पत्र पैंडिंग पडे़ हैं। जिस कारण छात्रों के न तो वीजा लगे और न ही छात्र एक साल से कनाडा पहुंचे, जबकि पंजाब के ट्रैवल कारोबारियों ने एडवांस में छात्रों की फीस जमा करवा कर प्राइवेट कॉलेजों से सांठगांठ करके करोड़ों रुपए की कमीशन डकार ली। वहीं अब कुछ छात्र जब प्राइवेट कॉलेजों या ट्रैवल कारोबारियों के दफ्तर में वीजा न आने पर अपनी फीस वापस मांगते हैं तो उन्हें साफ कहा जा रहा है कि यह कालेज का काम है आपको पढ़ाना, जिसके चलते आपने ऑनलाइन क्लासें लगा कर अपनी एजुकेशन की जानकारी हासिल की है, जिस कारण आपकी फीस रिफंड नहीं हो सकती।

कालेजों में सौदेबाजी करके छात्रों को भेजा जाता है विदेश
सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि पंजाब के छात्रों में विदेश में पढ़ाई करने का रुझान ज्यादा है, जिसके चलते कई परिजन अपने बच्चों को विदेश में सैटल होने व बुढ़ापे में अपना सहारा बनने के लिए पढ़ाई के तौर पर विदेश भेजते हैं। पढाई पूरी करने के बाद हर कोई छात्र विदेश जाने के लिए या तो इंटरनैट पर या ट्रैवल कारोबारी के दफ्तर में अपने एजुकेशन दस्तावेज लेकर चक्कर लगाता है। दूसरी तरफ कई ट्रैवल कारोबारी अपनी जेबें गर्म करने के लिए विदेश के कालेजों से मोटी कमीशन कमाने के चक्कर में उनसे सौदेबाजियां करते हैं। विदेश की धरती पर कालेजों व यूनिवर्सिटीज से करोड़ों रुपए की डील करने के बाद सोशल मीडिया पर विज्ञापनबाजी का खेल शुरू हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि हर किसी ट्रैवल कारोबारी की अलग-अलग कालेज के साथ सैटिंग है। जहां से ट्रैवल कारोबारी मोटी कमीशन लेकर छात्रों को भेजता है। यह कमीशन वसूली 15 से 35 प्रतिशत तक होती है।

ट्रैवल कारोबारी ने विदेशी टी शर्ट्स फड़वाकर बनवाए मास्क, टेलर भी हुआ हैरान
अपने आप को समझदार, शातिर व दूसरों को बेवकूफ समझने वाले पंजाब के बड़े ट्रैवल कारोबारी ने भी इस कारोबार से करोड़ों रुपए कमाए। सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस ट्रैवल कारोबारी ने भी कोरोनाकाल के दौरान प्राइवेट कालेजों से मोटी कमीशन कमाने के बाद इतनी खुशी जाहिर की कि खुशी के मारे उसने हजारों रुपए की विदेशी टी शर्टज फड़वा कर उसके मास्क बनवा डाले। सूत्रों ने बताया कि उक्त कारोबारी का एक दोस्त विदेश से हजारों रुपए की कीमत की टी शर्टस गिफ्ट लेकर आया था। कोरोनाकाल के दौरान जहां हर किसी का कारोबार बंद था, पर वहीं यह फैशनेबल ट्रैवल कारोबारी अपनी हजारों रुपए की कीमती टी शर्ट्स फड़वाने को लेकर विशेष रूप से एक शहर एक टेलर की दुकान पर पहुंचा जहां इतनी महंगी टी शर्ट्स फड़वाने को लेकर उक्त टेलर भी हैरान हो गया। 

टेलर ने ट्रैवल कारोबारी का कारनामा देखकर उसे साफ कहा कि बंदा ऐना वी नी शौकीन होना चाहीदा कि कीमती टी शर्ट फड़वा के मास्क बनवा लवे, पर फैशनेबल ट्रैवल कारोबारी ने एक न सुनी, खुशी के मारे टेलर को कहा कोई नहीं भाजी तुसीं दुआ करो कनाडा ते यू.के. चलदा रवे ते असीं तुहाडे कोल आंदे रईए। ऐदां दियां दर्जनां टी शर्ट तां लेना साडे लई आम गल्ल है। ट्रैवल कारोबारी का यह अंदाज सुनकर आखिरकार टेलर ने हजारों रुपए की कीमती टी शर्ट्स फाड़ कर उसके मास्क बना डाले।

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