पंजाब भाजपा में पैराशूट से उतरे कई सिख चेहरे पार्टी के अपने वर्करों पर हावी

Edited By Urmila,Updated: 18 Jan, 2022 01:36 PM

in punjab bjp many sikh faces descended from the parachute

"गैरों पर करम अपनों पे सितम, ए जाने वफा ये जुल्म न कर... ''साहिर लुधियानवी साहिब की लिखी इन पंक्तियों पर हिंदी फिल्म का पूरे का पूरा गीत फिल्माया जा चुका है।

जालंधर (अनिल पाहवा): "गैरों पर करम अपनों पे सितम, ए जाने वफा ये जुल्म न कर... 'साहिर लुधियानवी साहिब की लिखी इन पंक्तियों पर हिंदी फिल्म का पूरे का पूरा गीत फिल्माया जा चुका है। यहां पर हम गीत पर चर्चा नहीं करेंगे बल्कि हमारी चर्चा का विषय है अपने और गैर जिसकी परिभाषा शायद आजकल पंजाब भाजपा भूल गई है। यही कारण है कि पार्टी ने गैरों पर करम करने मतलब उन्हें अहमियत देने का सिलसिला शुरू कर रखा है, जिसके कारण पार्टी का अपना वर्कर खुद को दरकिनार समझने लगा है। 

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दरअसल पंजाब में पार्टी कई सालों से मैदान में है। पार्टी अब तक शिरोमणि अकाली दल के साथ मिल कर लड़ती रही इसलिए पार्टी ने कभी पंजाब के बड़े वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने की कोशिश ही नहीं की। जी हैं पंजाब में सिख वोट बैंक का बड़ा हिस्सा है जो अब तक भाजपा से दूर था लेकिन जब अकाली दल अलग हुआ तो भाजपा को उस वोट बैंक की याद आई।

बेशक पार्टी के पास हर तरह का वर्कर होना चाहिए और यह गनीमत भी है लेकिन अब दूसरे दलों से आ रहे सिख नेताओं की जिस तरह से पार्टी में आवभगत की जा रही है, वह काबिल-ए-गौर है।

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सिख चेहरे की जरूरत क्यों
पंजाब सिख बहुल क्षेत्र है तथा यहां पर सिख वोट बैंक सत्ता तक पहुंचाने वाले आंकड़ों में फेरबदल करने का बड़ा माद्दा रखता है। पंजाब में कुल वोट का 55 प्रतिशत के करीब सिख वोट बैंक है जो सीधे तौर पर राज्य की 78 सीटों पर प्रभाव डालता है। यही कारण है कि भाजपा को अब दूसरे दलों में बैठे सिख नेताओं की याद आ रही है। बेशक पार्टी ने अपनी पार्टी में काम कर रहे सिख नेताओं में से बहुत कम की कभी बात पूछी है। पार्टी की बेरुखी के कारण कितने सिख चेहरे या तो घर बैठ गए या फिर वह राजनीति से दूर हो गए।

अपने पीछे-बेगाने आगे
पंजाब में भाजपा में शामिल हुए सिख चेहरों को इन दिनों पंजाब भाजपा के दफ्तर से लेकर चुनाव कैंप तक में पूरी तरह से एक्टिव देखा जा रहा है। पार्टी के कई नेता मंच पर इन चेहरों को तो आगे कर ही रहे हैं साथ ही पार्टी में सलाह मशविरा भी उन्हीं के साथ किया जा रहा है। जबकि बरसों से पार्टी का झंडा उठा कर गांवों तक पार्टी को पहुंचाने की कोशिश करने वाले पार्टी के अपने सिख चेहेर इस समय गायब पाए जा रहे हैं।

भाजपा में हाल ही में शामिल हुए प्रमुख सिख चेहरे
फतेहजंग बाजवा, राणा सोढी, मनजिंदर सिंह सिरसा, पूर्व पुलिस महानिदेशक एस.एस. विरक, सर्वजीत मक्कड़, अवतार सिंह जीरा।

पंजाब में सिख वोट बैंक का समीकरण
कुल में से सिख वोट 
55%
जाट सिख वोट
20%
मजहबी/रविदासिया सिख वोट
23%
अरोड़ा सिख वोट
12%
सीटों पर प्रभाव कुल सीटें
117
सिख प्रभाव वाली सीटें
78
जाट सिख प्रभाव वाली
44
दलित सिख प्रभाव वाली
34

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