Edited By Urmila,Updated: 31 Aug, 2022 02:54 PM
महिला सरपंचों को लेकर पंजाब सरकार ने अहम फैसला लिया है।
चंडीगढ़ (रमनजीत): महिला सरपंचों को लेकर पंजाब सरकार ने अहम फैसला लिया है। पंजाब में अब पत्नी के नाम पर पति सरपंची नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में पंजाब सरकार की ओर से सख्त आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकार ने महिला सरपंचों का काम उनके पतियों द्वारा संभालने को लेकर रोक लगा दी है। इसके साथ ही महिला सरपंचों को आधिकारिक तौर पर गांव पंचायत की बैठकों में स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि अगर महिला सरपंच खुद पंचायत की बैठकों में शामिल नहीं होती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
इस संबंध में पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि उन्हें शिकायत मिली है कि कई महिला सरपंचों के पति और परिवार के सदस्य उनकी ओर से आधिकारिक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। जिला सचिवालय में होने वाली बैठकों में ज्यादातर महिला सरपंच शामिल नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके पति बैठकों का संचालन कर रहे हैं तो महिलाओं के लिए आरक्षण का क्या उद्देश्य है
गौरतलब है कि पंचायती राज्य में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है। दो दशक से अधिक समय पहले दी गई इस सुविधा के बावजूद आज भी महिला सरपंच अधिकांश आधिकारिक बैठकों में शामिल नहीं होती हैं बल्कि केवल उनके बेटे, पति और भाई ही उनकी ओर से बैठकों में शामिल होते हैं। इतना ही नहीं, गांव पंचायतों का काम भी करते हैं। हालांकि बहुत सारे ऐसे गांव अब मिसाल बनते जा रहे हैं, जहां पढ़ी-लिखी महिलाओं ने कमान अपने हाथ में ले ली है परंतु ऐसी सरपंच गिनी-चुनी ही हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here