शूगर के इलाज में कारगर है होम्योपैथिक प्रणाली

Edited By swetha,Updated: 01 Jun, 2019 11:33 AM

homeopathy is best for sugar patient

रक्त में ग्लूकोज (शूगर) की मात्रा का बढना शक्कर रोग कहलाता है। मुख्य रूप से शूगर 2 प्रकार की होती है।

जालंधर:रक्त में ग्लूकोज (शूगर) की मात्रा का बढना शक्कर रोग कहलाता है। मुख्य रूप से शूगर 2 प्रकार की होती है। पहली टाइप-1, जिसमें सारे शरीर की ग्रंथी पैन्क्रियाज, इंसुलिन नहीं बना सकती। परिणामस्वरूप रक्त में शूगर की मात्रा बढ़ती जाती है। प्रचलित इलाज प्रणाली में, इस बीमारी के नियंत्रण के लिए इंसुलिन के टीके लगाए जाते हैं एवं ये टीके उम्र भर लगाने पड़ते हैं। धीरे-धीरे रक्त में शूगर की मात्रा बढ़ती जाती है एवं टीके की मात्रा भी बढ़ती जाती है। टाइप-1 शूगर अधिकतर बच्चों में होती है। टाइप-2 शूगर जिसमें पैन्क्रियाज, इंसुलिन कम मात्रा में बनाता है या शरीर के सैल इंसुलिन का प्रयोग करने में असमर्थ होते हैं। परिणामस्वरूप रक्त में शूगर की मात्रा बढ़ती जाती है। 

प्रचलित इलाज प्रणाली में इस प्रकार की टाइप-2 शूगर को नियंत्रित करने के लिए दवा देनी शुरू कर दी जाती है। इस दवा का सेवन मरीज को उम्र भर करना होता है। यह दवा खाते हुए भी कई मरीजों की शूगर बढ़ती रहती है। परिणामस्वरूप दवा की मात्रा भी बढ़ती जाती है, पर धीरे-धीरे जब दवा से शूगर कंट्रोल होनी बंद हो जाती है तो मरीज को इंसुलिन के टीके शुरू कर दिए जाते हैं जोकि मरीज को सारी उम्र लगाने पड़ते हैं।

शूगर के मरीज के मुख्य  लक्षण 

अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, अधिक भूख लगना एवं खाना खाने के बाद भी भूख लगना, इतनी भूख लगने के बावजूद मरीज का भार घटता जाता है। जी कच्चा होना, उल्टी होना, बार-बार इंफैक्शन होना, मुंह से बदबू आना, कमजोरी रहना आदि जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त यदि शूगर की बीमारी लम्बे समय तक चलती रहे तो इसका प्रभाव आंखों, गुर्दों, हड्डियों एवं दिल पर पड़ता है। परिणामस्वरूप आंखों की कमजोरी, गुर्दों का सही कार्य न करना, जोड़ों का दर्द एवं कई प्रकार की दिल की बीमारियां एवं अटैक, कोमा आदि जैसी तकलीफें सामने आती हैं, ये तकलीफें ज्यादातर शूगर की बीमारियों के लिए ली जा रही दवाओं के साइड इफैक्ट होते हैं। 

शूगर के मरीज का होम्योपैथिक इलाज 
होम्योपैथिक एक आधुनिक एवं कुदरती इलाज प्रणाली है जोकि रोगी का इलाज करती है। होम्योपैथी इलाज दौरान मरीज की सारी शारीरिक व मानसिक हिस्ट्री लेकर मरीज को एक होम्यपैथिक दवा दी जाती है। यह दवा मरीज की बीमारी के कारण का जड़ से इलाज करती है एवं कुछ ही सालों के इलाज के बाद, मरीज की शूगर सामान्य हो जाती है एवं शूगर के कारण आई हुई सभी परेशानियां हल हो जाती हैं एवं मरीज बिना दवा के तंदुरुस्त जीवन जी सकता है।यही है आधुनिक इलाज प्रणाली होम्योपैथी की विलक्षणता जोकि मरीज का इलाज करके मरीज को तंदुरुस्त करते हैं। जहां प्रचलित इलाज प्रणाली द्वारा यह घोषित किया गया है कि शूगर की बीमारी का कोई इलाज नहीं है। शूगर लाइलाज बीमारी है एवं मरीज को शूगर की दवा सारी उम्र खानी पड़ेगी। वहीं होम्योपैथी शूगर के मरीजों के लिए एक नई आस की किरण लेकर आई है। -डा.रविंद्र सिंह (एम.डी.), जालंधर

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!