तापमान बढ़ते ही इस बीमारी ने पसारे पैर, स्वास्थ्य विभाग ने सख्त हिदायतें की जारी

Edited By Kalash,Updated: 21 May, 2024 12:31 PM

health department issued strict instructions

गर्मी के कारण तापमान बढ़ते ही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी ने अमृतसरियों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।

अमृतसर : गर्मी के कारण तापमान बढ़ते ही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी ने अमृतसरियों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी के शुरुआती दौर में जिले में चिकनगुनिया के तीन और डेंगू के दो पॉजिटिव मामले दर्ज किए हैं, जबकि पिछले साल चिकनगुनिया के 531 और डेंगू के 651 मामले सामने आए थे। विभाग ने जिले में अलग-अलग स्थानों पर 20 डेंगू और चिकनगुनिया के हॉट स्पॉट क्षेत्र बनाए हैं। विभाग ने जहां सरकारी अस्पतालों में उक्त बीमारियों को लेकर पूरे इंतजाम करने का दावा किया है, वहीं वहां गठित विभिन्न टीमों को निर्देश दिया है कि जिस भी व्यक्ति के घर में डेंगू का लारवा पाया जाए, उसका जुर्माने के तौर पर तुरंत चालान काटा जाए। ये बीमारियां ऐसी हैं, जिनका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं।

जानकारी के अनुसार मौसम में बदलाव के बाद गर्मी के कारण तापमान में बढ़ौत्तरी के साथ ही डेंगू का एडी एजिप्टी मच्छर लोगों को अपनी चपेट में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। यह एक ऐसा मच्छर है, जो साफ पानी में पैदा होता है और सुबह और शाम के समय काटता है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो मरीज की जान भी जा सकती है। इसके अलावा जिले में चिकन गुनिया की बीमारी भी तेजी से फैल रही है। यह बीमारी मच्छर के काटने के बाद भी अपना असर दिखाती है, यह एक ऐसा रोग जिसके लक्षण बहुत खतरनाक होते हैं और रोगी के शरीर में बहुत कष्टदायक दर्द होता है। विभाग द्वारा जहां लोगों को डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है, वहीं इन बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है।

जिला अमृतसर की बात करें तो यहां जिला मलेरिया अधिकारी डा. हरजोत कौर के नेतृत्व में टीमें फील्ड में काम कर रही हैं और लोगों को जागरूक कर रही हैं। सिविल सर्जन डॉ. सुमित सिंह ने जिले के सरकारी अस्पतालों में उक्त बीमारियों के इलाज के लिए वरिष्ठ मैडीकल अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, वहीं मरीजों के लिए दवा व अन्य जांच टैस्ट सामग्री उपलब्ध करवाने को कहा है। यह बीमारी अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि आने वाले समय में ये दोनों बीमारियां मरीजों पर ज्यादा असर दिखा सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शहरी क्षेत्र में छिड़काव के लिए नगर निगम को पत्र भी लिखा है और विभाग के आदेश के बाद निगम ने कई इलाकों में छिड़काव की व्यवस्था भी पूरी कर ली है।

लारवा मिलने वाले 32 लोगों के किए चालान

जिला मलेरिया अधिकारी डा. हरजोत कौर ने कहा कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही बीमारिया मच्छर से होती है। लोगों को स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए। साफ पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि उक्त बीमारी पैदा करने वाला मच्छर उसमें लारवा बनाता है जिसके बाद यह बीमारी गंभीर रूप देता है। डा. हरजोत कौर ने बताया कि अब तक 32 लोगों के चालान किए जा चुके हैं, जिनके घरों में डेंगू का लारवा पाया गया है। पिछले साल 1376 लोगों के चालान काटे गए थे। नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिले में बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की 15 टीमें मैदान में : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. सुमित सिंह ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू व चिकन गुनिया की बीमारी के मुकम्मल इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों को भी उक्त बीमारी का रोजना आंकड़ा विभाग के साथ सांझा करने को कहा गया है। निगम के साथ साथ विभाग द्वारा 15 टीमों को मैदान में छिड़काव और डेंगू का लारवा चैक करने के लिए तैनात किया गया है। इसके अलावा जिला मलेरिया पदाधिकारी सभी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उक्त बीमारी की अभी शुरुआत है, लोगों को सतर्क रहना चाहिए और विभाग की गाइडलाइन का पालन करें।

जिले में डेंगू व चिकनगुनिया के बनाए गए 20 अन्य स्पोट केंद्र

उन्होंने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आने के बाद घन्नूपुर काले, भल्ला कॉलोनी, खंडवाला, करतार नगर, नारायणगढ़, तुंग बाला, इंदिरा कॉलोनी, रामनगर, ग्रीन फील्ड, जहाजगढ़, मकबूलपुरा, गुरु तेग बहादुर नगर, विबेक्सर नगर, विकास नगर, कोट खालसा, वेरका, वल्ला, सुंदर नगर, संधू कॉलोनी, नेहरू कॉलोनी, अन्य स्पोट केंद्र बनाए किए गए हैं। इसके अलावा इस साल कोट खालसा विवेकसर रोड, पंडोरी वडै़च में चिकन गुनिया के मामले सामने आए हैं जबकि पंडोरी वड़ैच और गुरवाली में डेंगू के मामले सामने आए हैं। विभाग की टीमें लगातार इन क्षेत्राें में छिड़काव कर रही है।

डेंगू व चिकनगुनिया के साथ-साथ डायरिया के मामले भी आ रहे सामने

इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सदस्य डा. रजनीश शर्मा ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण वाले मरीज सामने आने के बाद अब उल्टियां, दस्त से पीड़ित मरीज भी डाक्टरों के पास इलाज के लिए आ रहे हैं। उक्त बीमारियों से बचने के लिए पूरी बाजु के कपड़े पहनने चाहिए और अपने आसपास साफ पानी जमा नहीं होने देना चाहिए और बाजार का खाना खाने से भी बचना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।

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