2025 तक इस खतरनाक बीमारी का होगा खात्मा, सेहत विभाग ने कसी कमर

Edited By Kalash,Updated: 10 Dec, 2024 01:58 PM

health department action

जिसके तहत करीब 300 टीमें निर्धारित समय में 4 लाख लोगों तक पहुंचकर बीमारी के संदिग्ध मरीज ढूंढकर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मुफ्त दवा उपलब्ध करवाएंगी।

अमृतसर : सेहत विभाग द्वारा टी.बी. की गंभीर बीमारी से अमृतसर निवासियों को निजात दिलाने के लिए अगले 100 दिनों तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत करीब 300 टीमें निर्धारित समय में 4 लाख लोगों तक पहुंचकर बीमारी के संदिग्ध मरीज ढूंढकर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मुफ्त दवा उपलब्ध करवाएंगी। जिले में मौजूदा समय में 4500 के करीब टी.बी. मरीज हैं, जबकि हर वर्ष 7 हजार के करीब नए मरीज सामने आते हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टी.बी. को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। भारत सरकार द्वारा अगले 100 दिनों में नेशनल टी.बी. एलमिनेशन अभियान के तहत लगभग 60 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

वहीं अमृतसर जिले की 27 लाख 58 हजार 779 की आबादी में से 4 लाख लोगों में से उक्त बीमारी के संदिग्ध मामलों को निकालने की नीति बनाई गई है। सेहत विभाग के अनुसार 60 वर्ष से ऊपर वाले और शूगर के मरीज, शराब का सेवन करने वाले व विभिन्न कैटेगिरियों के लोग 4 लाख की संख्या में शामिल हैं। जिला टी.बी. कंट्रोल अधिकारी डॉ. विजय गोतवाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा इस अभियान में पूरा योगदान दे रही है। जिले की करीब 300 टीमें 4 लाख लोगों के घरों तक पहुंच बनाकर टी.बी. के लक्षण वाले लोगों की पहचान करेंगी। अगर किसी में इसके लक्षण मिले तो नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवा मुफ्त दवा शुरू की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में टैस्ट एवं दवा का सारा खर्च विभाग करेगा व मरीज को निःशुल्क दवा दी जाएगी। इस समय जिले में करीब 4500 मरीज टी.बी. की चपेट में हैं, जो सरकारी व निजी स्वास्थ्य केंद्रों से दवा ले रहे हैं, जबकि हर साल करीब 7 हजार नए मरीज सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि यह बीमारी सांस के जरिए एक से दूसरे में फैलती है और समय पर इलाज न करवाया तो मरीज की जान जा सकती है। उन्होंने कहा कि 100 दिनों में मरीजों की पहचान कर टी.बी. की बढ़ती बीमारी पर नकेल डालना है। विभाग पूरी मुस्तैदी से इस कैंपेन को निचले स्तर तक अमलीजामा पहनाने के लिए गंभीरता से काम कर रहा है।

जिले में हर वर्ष 70 से अधिक मरीजों की जाती है जान

इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के टी.बी. कंट्रोल प्रोग्राम के डॉ. नरेश चावला ने बताया कि टी.बी. की रोकथाम के लिए सरकारी व निजी स्वास्थ्य केंद्र काम कर रहे हैं। इसके जहां हर साल जिले में हजारों नए मरीज सामने आते हैं, वहीं हर साल 70 से अधिक मरीजों की जान चली जाती है। इस बीमारी से निजात पाने के लिए निर्धारित समय पर सरकारी हिदायतों का पालन करते हुए दवा का सेवन करना चाहिए और डाॅक्टर के निर्देशों पर दवा लेनी चाहिए।

2 सप्ताह से पुरानी खांसी हो सकती है टी.बी.

पंजाब के सबसे बड़े सरकारी टी.बी. अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉ. नवीन पांधी ने कहा कि 2 सप्ताह पुरानी खांसी टी.बी. हो सकती है। इसके अलावा वजन कम होना, लगातार बुखार रहना, भूख न लगना आदि इसके लक्षण हैं। मरीज सरकार द्वारा निर्धारित समय के अनुसार 6 से 8 माह दवा का लगातार सेवन करे तो ठीक हो जाता है। इलाज निश्चित समय पर न किया जाए और दवा बीच में छोड़ने पर टी.बी. की भयानक स्टेज पर पहुंच जाती है, जो खतरनाक होती है।

भारत सरकार के अभियान को आई.एम.ए. का समर्थन

इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सदस्य व छाती रोग डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा मरीजों की पहचान के लिए चलाए जा रहे अभियान को आई.एम.ए. का पूरा समर्थन है, जो इस मुहिम में योगदान दे रहा है, जो भी संदिग्ध मरीज सामने आ रहे हैं, उनकी जानकारी सेहत विभाग को दी जाती है। इसके अलावा जिन मरीजों की पुष्टि हो रही है, उनका डाटा भी विभाग के पास जा रहा है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

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