रावी हुई बेकाबू, बाढ़ की चपेट में गुरदासपुर और पठानकोट जिले

Edited By Urmila,Updated: 27 Aug, 2025 11:17 AM

gurdaspur and pathankot districts affected by floods

पिछले कुछ दिनों से लगातार कहर बरसा रहा रावी दरिया अपनी हदें पार कर गया है। इस दरिया में आ रहे बेहिसाब पानी ने रावी से 2 किलोमीटर दूर तक के गांवों को भी नुकसान पहुंचाया है।

गुरदासपुर (हरमन): पिछले कुछ दिनों से लगातार कहर बरसा रहा रावी दरिया अपनी हदें पार कर गया है। इस दरिया में आ रहे बेहिसाब पानी ने रावी से 2 किलोमीटर दूर तक के गांवों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालात यह बन गए हैं कि धुस्सी बांध कई जगहों से टूट गया है और कई जगह रावी दरिया का पानी धुस्सी के ऊपर से होकर गांवों तक पहुंच गया है। सीमा के पास के गांवों में हालात बद से बदतर हो गए हैं और लोगों के घरों में पानी भर गया है। गुरदासपुर और पठानकोट जिले में माधोपुर से शुरू होता यह कहर आगे रावी के पास के गांवों में बड़ा नुकसान कर रहा है।

कुदरत के कहर के सामने बेबस हुए दोनों जिलों के लोग

रावी दरिया गुरदासपुर और पठानकोट दोनों जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ा नुकसान कर चुकी है। इस नदी के कारण बमियाल क्षेत्र के कई गांव पानी की चपेट में हैं, जबकि गुरदासपुर जिले में मकौड़ा पत्तन और इससे आगे के इलाकों में हालात पूरी तरह से बेकाबू दिखाई दे रहे हैं। रावी के पास के गांवों में रह रहे लोग अब कुदरत के इस कहर के सामने बेबस नजर आ रहे हैं। लोगों ने पिछली रात रावी के पानी के इस कहर को रोकने के लिए धुस्सी बांध की खुद ही रक्षा भी की लेकिन इसके बावजूद यह पानी सभी हदों और धुस्सियों को तोड़ता हुआ आगे लोगों के घरों और खेतों तक पहुंच गया है। गांव जैनपुर के लोगों ने बताया कि वे पूरी रात जागते रहे और गांव के पास के इलाके में जहां भी पानी धुस्सी को कटाव लगाने की कोशिश करता था, वहीं वे मुरम्मत कर देते थे।

सभी गेजों और पैमानों से ऊपर हुआ पानी

वर्तमान में हालात यह बन गए हैं कि रणजीत सागर डैम पूरी तरह से ओवरफ्लो हो चुका है, जिस कारण उसके फ्लड गेट खोले जाने से डैम से छोड़ा गया पानी सीधे तौर पर रावी दरिया और नहरों में तेजी से आ रहा है। रावी दरिया में पहले ही पहाड़ी इलाकों और निकासी नालों के जरिए पहुंच रहे पानी के कारण लबालब भरी हुई थी और यह पानी तेजी से रावी के किनारों को कटाव लगा रहा था।

गौरतलब है कि रावी में बहुत मुश्किल से 2 से ढाई लाख क्यूसेक पानी ही सही ढंग से सुरक्षित रूप से बह सकता है। लेकिन कल ही इस पानी की मात्रा सवा 2 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी लेकिन इस पानी का कोई भी हिसाब और हद नहीं रही और यह पानी संबंधित विभाग द्वारा लगाई गई सभी गेजों और पैमानों से ऊपर होकर लोगों के रिहाइशों और अन्य जगहों पर पहुंच गया है। प्रशासन भी फिलहाल इस पानी के कहर के सामने बेबस नजर आ रहा है और स्थिति को संभालने के लिए अब पुलिस प्रशासन, एन.डी.आर.एफ. और आर्मी भी जुटी दिखाई दे रही है।

गुरदासपुर जिले के रावी के पास के इलाकों, मकौड़ा पत्तन, दोरांगला क्षेत्र के आदि सहित अन्य जगहों का दौरा करने पर लोगों ने बताया कि उनके लिए नरक जैसी स्थिति बन गई है। वे अपने पशुओं को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा चुके थे, लेकिन कीमती सामान अभी भी घरों में ही पड़ा हुआ है। कई घरों में 7-7 फीट गहरा पानी भर गया है, जबकि धुस्सी से उस पार गन्ने की फसल भी पूरी तरह पानी में डूब गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की इस मार का असर अब उनके लिए आने वाले कई सालों तक रहेगा क्योंकि न तो खेतों में फिर से अच्छी फसल होगी और न ही उनके घरों में खराब हुए सामान की भरपाई आसानी से की जा सकती है।

 ब्यास दरिया के पास के गांवों के लोगों में भी खौफ

फिलहाल गुरदासपुर जिले में रावी दरिया के पानी ने कहर मचाया हुआ है, लेकिन ब्यास दरिया अभी अपनी हद में ही बह रही है। इस दरिया का पानी भी बेशक धुस्सी से लग गया है, आज शाम तक पानी का स्तर धुस्सी से लगभग 4 फीट नीचे होने के कारण अभी तक इस इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी। लेकिन इसके बावजूद ब्यास दरिया के पास के गांवों में लोग डर के माहौल में जी रहे हैं क्योंकि अगर किसी भी जगह से धुस्सी टूटती है तो ब्यास दरिया का पानी भी तेजी से पास के गांवों में दाखिल होगा, जिस कारण इस क्षेत्र में भी फिर 2 साल पहले की तरह बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे।

ब्यास के पास के गांवों में रहने वाले लोगों ने बताया कि पहले ही धुस्सी के उस पार की कृषि योग्य जमीनों में ब्यास दरिया का पानी काफी नुकसान पहुंचा चुका है और वहां से मजबूरी में किसानों को अपने सामान और पशुओं को शिफ्ट करना पड़ा है लेकिन अगर ब्यास दरिया का पानी धुस्सी को तोड़कर गांवों तक पहुंच गया तो यह इलाका भी पूरी तरह से डूब जाएगा, क्योंकि ब्यास दरिया भी इस समय पूरी तरह से उफान पर है।

राहत कार्यों में पहुंची प्रशासन की टीमें

गुरदासपुर जिले के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरजिंदर सिंह बेदी और एस.एस.पी. आदित्य ने बताया कि लोगों की मदद और सुरक्षा के लिए प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची हुई हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर रावी में आए पानी को रोकना असंभव था, जिस कारण यह पानी कुछ जगहों पर धुस्सियों से आगे बढ़ा है। लेकिन प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी।

उन्होंने कहा कि धुस्सी को मजबूत किया गया था। लेकिन अब जब दरिया में पानी क्षमता के मुकाबले कई गुना ज्यादा आ गया है, तो लोगों को उससे बचाने के लिए प्रशासन की टीमें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत कार्य जारी हैं, इसके साथ ही लोगों के लिए अन्य जरूरी प्रबंध भी किए गए हैं।

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