Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Apr, 2025 05:59 PM

बठिंडा के आरटीओ दफ्तर में विजिलैंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी तरीके से डिस्पोजल गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) तैयार करने के मामले में केस दर्ज किया है। विजिलेंस की यह कार्रवाई डीएसपी कुलवंत सिंह लहरी की अगुआई में की गई,...
बठिंडा (विजय): बठिंडा के आरटीओ दफ्तर में विजिलैंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी तरीके से डिस्पोजल गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) तैयार करने के मामले में केस दर्ज किया है। विजिलेंस की यह कार्रवाई डीएसपी कुलवंत सिंह लहरी की अगुआई में की गई, जिसमें रिकॉर्ड में हेराफेरी के संकेत मिले हैं। विभाग की ओर से डबवाली से 5 जीपें भी बरामद की हैं जिन्हें मॉडीफाइड किया गया है व उन सभी पर बठिंडा के नंबर लगाए गए हैं। पता चला है कि उक्त जीपें गुजरात से लाई जाती थीं व फर्जीवाड़ा करके उन पर बठिंडा के नंबर लगा दिए जाते थे।
छापेमारी के दौरान पता चला कि पांच डिस्पोजल गाड़ियों की आरसी को फर्जी तरीके से रिकॉर्ड में चढ़ाया गया है। इस मामले में दो व्यक्तियों नवीन कुमार और इंद्रजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिन्होंने फर्जी एड्रेस देकर बठिंडा से एनओसी प्राप्त की थी। जांच में यह भी सामने आया है कि ये गाड़ियां डबवाली क्षेत्र में बेची जानी थीं, जहां बठिंडा नंबर की गाडियों की भरमार देखी जाती है। विजिलेंस टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि आरसी बनाने की प्रक्रिया में आरटीओ दफ्तर के किन-किन कर्मचारियों की भूमिका रही है। इस पूरे फर्जीवाड़े में किसी अंदरूनी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। विजिलेंस ने कुछ रिकार्ड को कब्जे में लेकर गहराई से जांच शुरू कर दी है। ये भी पता चला है कि एक सरकारी मुलाजिम अपनी ड्यूटी छोड़कर आरटीओ दफ्तर में एजेंट के तौर पर काम कर रहा है और अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को ड्यूटी पर भेजता है। इस मामले की भी विजिलेंस द्वारा जांच की जा रही है।